chandrayaan-2: क्रिकेटर हरभजन बोले..... कुछ देशों के झंडे पर चांद तो कुछ देशों का चांद पर झंडा
नई दिल्ली- क्रिकेटर हरभजन सिंह ने चंद्रयान-2 की कामयाब लॉन्चिंग पर अपने अंदाज में वैज्ञानिकों को बधाई दी है। उन्होंने ट्विटर पर दिए अपने संदेश के जरिए उन देशों पर तंज कसने की भी कोशिश की है, जिनके झंडों पर चांद लगे हुए हैं।
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हरभजन का अलग अंदाज
हरभजन सिंह ने कई देशों के झंडों को साझा करते हुए दिलचस्प अंदाज में लिखा है, "कुछ देशों के झंडों पर चांद हैं, तो कुछ देशों के झंडे चांद पर हैं।" हरभजन ने सिर्फ यह तंज ही नहीं कसा है, बल्कि इसके लिए उन देशों के झंडे भी लगाए हैं, जिनपर चांद हैं और उनमें भी सबसे पहला झंडा उन्होंने पाकिस्तान का ही लगाया है। इसके अलावा उन्होंने तुर्की, लीबिया, ट्यूनीशिया, अजरबैजान, अल्जीरिया, मलेशिया, मालदीव और मॉरिटानिया के झंडों को झाझा किया है। जबकि, हरभजन ने उन देशों के राष्ट्रीय ध्वज भी लगाए हैं, जिनका मिशन चांद पर सफलतापूर्वक पहुंच चुका है। इसमें अमेरिका, रूस, भारत और चीन के नेशनल फ्लैग शेयर किए गए हैं।
वैज्ञानिकों को बधाइयों का तांता
गौरतलब है कि चंद्रयान 2 मिशन की लॉन्चिंग पर देश की तमाम दिग्गज हस्तियों ने इसरो को बधाई दी है। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने भी इसे देश के लिए गौरव का पल बताया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है, 'ये पल 130 करोड़ भारतीयों के लिए गर्व करने वाला है। चंद्रयान-2 की सफल लॉन्चिंग भारत के महान वैज्ञानिकों की दृढ़ता की गाथा बताती है। चंद्रयान-2 जैसे प्रयास युवाओं को विज्ञान और उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान की ओर प्रोत्साहित करेंगे। इन सबके अलावा राजनीति, फिल्म और खेल जगत से जुड़ी तमाम हस्तियों ने अपनी खुशी जाहिर की हैं।
इतिहास में दर्ज हुआ 22 जुलाई
22 जुलाई का दिन इसरो और देश के अंतरिक्ष विज्ञान के लिए एक बहुत बड़ा दिन साबित हुआ। 15 जुलाई को एक तकनीकी खामी के चलते मिशन स्थगित करने के हफ्ते भर बाद इसे ठीक करके इसरो ने सोमवार को चंद्रयान-2 को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया। चंद्रयान-2 भारत का दूसरा मून मिशन है। पहला मिशन चंद्रयान साल 2008 में लॉन्च हुआ था। सफल लॉन्चिंग के बाद इसरो के चीफ डॉक्टर के सिवान ने कहा, 'तकनीकी खामी के बाद हमनें फिर चमकीले रंगों के साथ वापसी की है।' इसरो के मुताबिक चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम सात सितंबर 2019 को चांद के साउथ पोल के पास लैंड करेगा। विक्रम तीन तरह के वैज्ञानिक प्रयोगों को पूरा करेगा। जब ऑर्बिटी चांद की सतह पर दाखिल हो जाएगा तो उसके चार दिन बाद लैंडर विक्रम उससे अलग हो जाएगा। चांद पर एक लूनर डे मतलब धरती पर 14 दिन के बराबर होता है। चंद्रयान 2 का मकसद चांद के करीब स्थित ध्रुवों पर मौजूद वॉटर आइस और दूसरे जटिल पदार्थों का अध्ययन करना है। नेशनल जियोग्राफिक के मुताबिक इस रिसर्च से वैज्ञानिकों को चांद और सोलर सिस्टम के बारे में और बेहतर जानकारियां मिल सकेंगी। साथ ही भावी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के लिए पानी के स्रोत का पता लगाने में भी मदद मिलेगी।
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