By Many a Happy Accident:फिर सुर्खियों में पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी,किताब में उठाए 'राष्ट्रवाद' पर सवाल
By Many a Happy Accident:फिर सुर्खियों में पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, किताब में उठाए 'राष्ट्रवाद' पर सवाल
Former Vice President Hamid Ansari autobiography 'By Many a Happy Accident': पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने हाल ही में अपनी आत्मकथा 'बाइ मेनी अ हैपी ऐक्सिडेंट: रीकलेक्शंस ऑफ ए लाइफ' रिलीज की है। इस नई किताब में हामिद अंसारी ने मोदी सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं और सवाल उठाए हैं। इस किताब में हामिद अंसारी ने लिखा है, 'तानाशाही', 'राष्ट्रवाद' और 'बहुसंख्यकवाद' ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भूमिका निभाई है। किताब में अंसारी ने ये भी कहा है कि आजादी के बाद के कई दशकों तक, "राष्ट्रवाद और भारतीयता का बहुलवादी दृष्टिकोण" भारत की सोच को दर्शाता था लेकिन अब बुनियादी उसूलों में गिरावट आई है। इस गिरावट में अन्य सामाजिक और राजनीतिक ताकतों की नाकामी शामिल है।
र्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अपनी किताब में लिखा है कि लोकप्रियता की सफलता किसी विचारधारा की सफलता नहीं है। ये सिर्फ सत्ता हासिल करने और सत्ता में बने रहने की रणनीति है। इसके लिए चाहे आप कोई साजिश करे या फिर विपक्ष का अपराधीकरण करना पड़े। ये सारी बातें साल 2019 के लोकसभा चुनाव में साबित हुआ है।
किताब में पीएम मोदी के बारे में कई बार जिक्र
किताब 'बाइ मेनी अ हैपी ऐक्सिडेंट' में हामिद अंसारी ने कई दिलचस्प और अनसुने किस्सों के बारे में भी बताया है। खासकर किताब में मोदी सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में कई बार जिक्र किया गया है। अंसारी ने 2007 में हुई मोदी से मुलाकात का जिक्र करते हुए लिखा है, 'जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, एक राजनीतिक कार्यक्रम में उनसे मेरी मुलाकात हुई थी। मैंने उनसे गोधरा के बाद हुई हिंसा के बारे में पूछा कि आखिर आपने ऐसा क्यों होने दिया गया? उन्होंने (पीएम मोदी) कहा कि लोग उनके केवल एक ही साइड को देखते हैं, कोई भी मुस्लिमों के लिए किए गए अच्छे कामों की तरफ ध्यान नहीं देता। खासकर मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा के लिए उन्होंने बहुत काम किए हैं। मैंने कहा कि इसका ब्योरा दें तो प्रचार किया जाए। इसपर वह बोले- यह मेरी राजनीति को सूट नहीं करता।'
बता दें कि हामिद अंसारी का उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति के तौर पर कार्यकाल 10 अगस्त 2017 को पूरा हुआ था। इस किताब में हामिद अंसारी ने अपनी राजनयिक जीवन और राज्यसभा के सभापति के रूप में कई अनुभवों को साझा किया है।