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Halloween Day 2019: बेहद रोचक है हैलोवीन डे का इतिहास, आप नहीं जानते होंगे ये बातें

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नई दिल्ली। हैलोवीन डे (Halloween Day) पश्चिमी देशों के खास त्योहारों में से एक है। जो हर साल काफी धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्योहार की तैयारियां महीनों पहले से ही शुरू हो जाती हैं और हर कोई हटकर दिखने की कोशिश करता है। इस दौरान लोग हैलोवीन थीम के कपड़े तो पहनते ही हैं, साथ ही अपने घरों को भी डरावने तरीके से सजाते हैं।

halloween

ये त्योहार हर साल अक्टूबर महीने के आखिरी दिन मनाया जाता है। इस त्योहार की शुरुआत आयरलैंड और स्कॉटलैंड से हुई थी और यह अमेरिका, इंगलैंड और यूरोपीय देशों में काफी धूमधाम से मनाया जाता है। हालांकि अब धीरे-धीरे इसका ट्रेंड भारत में भी दिखने लगा है। बता दें हैलोवीन डे को ऑल हेलोस इवनिंग, ऑल हैलोवीन, ऑल होलोस ईव और ऑल सैंट्स ईव भी कहा जाता है।

सेल्टिक कैलेंडर का आखिरी दिन

सेल्टिक कैलेंडर का आखिरी दिन

ये दिन सेल्टिक कैलेंडर का आखिरी दिन होता है और इसे सेल्टिक लोगों के बीच हर साल नए वर्ष के रूप में मनाया जाता है। इस त्योहार पर आम लोगों के साथ-साथ हॉलिवुड की बड़ी हस्तियां भी भूत जैसा दिखने की कोशिश करती हैं। इस दौरान इनके अनोखे लुक भी वायरल होने लगते हैं। चलिए अब बात करते हैं, इस दिन के इतिहास के बारे में।

ये समहैन त्योहार है

ये समहैन त्योहार है

हैलोवीन की बुनियाद में सेल्टिक परंपरा के तहत मनाया जाने वाला त्योहार समहैन है। कहानी शुरू होती है, ईसा से बहुत पहले। जब भूमध्य सागर और यूरोप में रहने वाले लोग सेल्टिक बोलियां बोलते थे। इन लोगों का विश्वास भूतों और देवाताओं में काफी अधिक था। इन लोगों का मानना था कि इस त्योहार को मनाने से साल के इस समय में इस दुनिया और उस दुनिया के बीच का फर्क मिट जाता है। और चाहे फिर भूत हों या इंसान सभी धरती पर आबाद रहते हैं।

परंपरा का ईसाईकरण हुआ

परंपरा का ईसाईकरण हुआ

इसके बाद सातवीं ईस्वी में पोप ग्रेगरी ने लोगों से अपील कर कहा कि सेल्टिक लोगों की परंपरा का विरोध ना करें बल्कि उनका ईसाईकरण कर दें। उन्होंने लोगों को ईसाई बनाने की मुहिम शुरू की थी। उन्होंने अपने प्रचारकों से जब ऐसा अनुरोध किया था, तो ईसाई धर्म को मानने वालों के बीच इस परंपरा का प्रचार प्रसार होने लगा। यही वो दिन था जब समहैन त्योहार ऑल सेंट्स डे बन गया।

हैलोवीन के नाम से जाना जाता है

हैलोवीन के नाम से जाना जाता है

माना जाता है कि इस त्योहार में मृत लोगों की आत्माओं से संवाद किया जा सकता है। ऑल सेंटस डे से पहले की रात को हैलोज ईवनिंग या फिर हैलोवीन के नाम से जाना जाता है। इस त्योहार में सबसे अधिक कद्दू का इस्तेमाल किया जाता है। इसे काटकर एक चेहरे का आकार दिया जाता है। साथ ही इसमें मोमबत्तियां भी जलाई जाती हैं। इसे डरावना रूप देकर लोगों को डराने के लायक बनाया जाता है। माना जाता है कि बाद में इन कद्दुएं को दफना दिया जाता है। इस दिन लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए दुआ मांगते हैं।

व्हाइट हाउस में भी मनाया गया हैलोवीन

व्हाइट हाउस में भी मनाया गया हैलोवीन

अमेरिका के राष्ट्रपति के औपचारिक आवास व्हाइट हाउस में भी इस त्योहार को काफी धूमधाम से मनाया गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में तीसरे हैलोवीन का आयोजन किया है। इस दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी मिलेनिया ने करीब 6 हजार बच्चों के साथ ट्रिक और ट्रीट गेम भी खेला। व्हाइट हाउस को भी डारवने तरीके से सजाया गया था।

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English summary
know about the interesting history of Halloween Day, celebrated by western countries every year.
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