लद्दाख में IAF के लिए तैनात HAL का देसी लाइट हेलीकॉप्टर LCH, हर मिशन के लिए पूरी तरह तैयार
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर लगातार माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। अब यहां पर इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) की मदद के लिए हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर्स (एलसीएच) को भी तैनात कर दिया गया है। इन हेलीकॉप्टर्स को लेह सेक्टर के ऊंचाई वाले इलाकों में कम समय के अंदर किसी भी चुनौती का जवाब देने के लिए तैनात कर दिया गया है। आपको बता दें कि भारत और चीन के बीच पांच मई से लद्दाख में टकराव जारी है और इसे 100 दिन से ज्यादा हो चुके हैं।
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कठिन परिस्थितियों में LCH की सफल लैंडिंग
एचएएल के चीफ मैनेजिंग डायरेक्ट (सीएमडी) आर माधवन की तरफ से बताया गया, 'यह दुनिया का सबसे हल्का हेलीकॉप्टर है जिसे भारतीय सेनाओं की खास जरूरतों को पूरा करने के मकसद से एचएएल ने तैयार किया है।' उनका कहना है कि यह हेलीकॉप्टर आत्मनिर्भर भारत में एक अहम रोल अदा कर रहा है। आईएएफ के उप प्रमुख एयर मार्शल हरजीत सिंह अरोड़ा ने एचएएल के टेस्ट पायलट विंग कमांडर (रिटायर्ड) सुभाष पी जॉन के साथ हाल ही में लद्दाख की फॉरवर्ड लोकेशंस पर उड़ान भरी है। हेलीकॉप्टर को इस क्षेत्र के सबसे मुश्किल हैलीपैड्स पर भी सफलतापूर्वक लैंड कराया गया है।
हर मौसम में मिशन पूरा करने में सक्षम
एलसीएच को फॉरवर्ड लोकेशंस पर मुश्किल परिस्थितियों के बीच सफलतापूर्वक टेस्ट किया जा चुका है। एलसीएच दिन और रात दोनों ही समय ऑपरेशन के लिए रेडी है। आईएएफ और इंडियन आर्मी को करीब 160 एलसीएच की जरूरत है। डिफेंस एक्यूजीशिन काउंसिल (डीएसी) की तरफ से शुरुआती बैच के लिए 15 एलसीएच को मंजूरी दी जा चुकी है। आईएएफ की तरफ से 15 लिमिटेड सीरीज प्रोडक्शन (एलएसपी) हेलीकॉप्टर का अनुरोध किया गया है और पांच हेलीकॉप्टर की मांग सेना ने की है। एचएएल के बेंगलुरु स्थित सेंटर पर ऑर्डर्स को पूरा करने के लिए उत्पादन शुरू हो चुका है।