'राफेल जेट का उत्पादन करने में सक्षम है HAL, लेकिन वर्तमान डील का हिस्सा नहीं'
नई दिल्ली। हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के चेयरमैन आर माधवन का कहना है कि एचएएल राफेल एयरक्राफ्ट का उत्पादन करने में सक्षम है। लेकिन साथ ही उन्होंने सलाह भी दी कि 36 एयरक्राफ्ट के वर्तमान ऑर्डर के साथ ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी का सवाल पैदा नहीं होना चाहिए। कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार फ्रांस की कंपनी दसां एविएशन के साथ बहुत ऊंची कीमतों के साथ 36 जेट्स की डील की है। कांग्रेस की मानें तो यूपीए सरकार के कार्यकाल में 126 जेट्स की डील बहुत कम कीमत पर हुई थी।
डील पर क्या बोले एचएएल के चेयरमैन
एचएएल चेयरमैन राजस्थान के शहर उदयपुर में इंजीनियर्स की कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे, यहीं पर उन्होंने यह अहम बयान दिया। विपक्ष ने सरकार पर यह आरोप भी लगाया है कि समझौते के समय एचएएल को नजरअंदाज किया गया। साथ ही कुछ एयरक्राफ्ट को ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी के जरिए देश में तैयार किया जा सकता था। माधवन ने कहा कि शुरुआती चर्चा के समय एचएएल राफेल का उत्पादन करने में सक्षम था। लेकिन वर्तमान सरकार ने 36 एयरक्राफ्ट को अलग से खरीदने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि सरकार के लिए जल्द से जल्द जेट्स को खरीदना काफी जरूरी था। माधवन ने कहा, '36 जेट्स के लिए एचएएल में उत्पादन का सवाल ही नहीं पैदा होता है।'
उन्होंने बताया कि 126 जेट्स अगर खरीदे जाते तो उनमें से कुछ बाहर से खरीदे जाते तो कुछ का उत्पादन भारत में ही होता। माधवन ने बताया कि वर्तमान डील के तहत एचएएल को हिस्सेदार नहीं बनाया गया है। सरकार ने कांग्रेस ने आरोप को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि डील में सरकार ने बहुत ज्यादा कीमत अदा की है। सरकार का कहना है कि फुली-लोडेड एयरक्राफ्ट की तुलना बेसिक एयरक्राफ्ट से नहीं की जा सकती है।