Guru Purnima 2020: जन्म से अंबेडकर नहीं थे बाबा साहब, जानिए किसने दिया था सरनेम?
नई दिल्ली। गुरु के बिना इंसान मंजिल नहीं पा सकता है और ना ही सही और गलत का अंतर पता कर पाता है, ऐसे ही एक गुरु का नाम है कृष्ण केशव अंबेडकर, जिन्होंने अपनी शिक्षा से संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर को संवारा था, आपको बता दें कि कृष्ण केशव अंबेडकर ने ना केवल बाबा साहेब को शिक्षा दी थी, बल्कि उन्हें अपना सरनेम भी दिया था।
बीआर अंबेडकर के बचपन का नाम भीमराव रामजी सकपाल था
मालूम हो कि बीआर अंबेडकर के बचपन का नाम भीमराव रामजी सकपाल था, जो कि उनके पिता ने स्कूल में लिखवाया था, भीमराव की प्रतिभा से प्रभावित होकर शिक्षक कृष्ण केशव ने उन्हें अपना सरनेम दिया था, बता दें कि डॉ. बी आर अंबेडकर के जीवन पर एक टीवी शो बन रहा है, जिसका नाम है 'एक महानायक डॉ. बीआर अंबेडकर'।
बाबा साहब एक महान व्यक्ति थे
जिसमें लीड रोल निभा रहे हैं एक्टर जगन्नाथ निवानगुणे, जिन्होंने कहा है कि मुझे बाबा साहब का रोल अदा करने का अवसर मिला है, यह मेरे लिए एक सौभाग्य की बात है, बाबा साहब एक महान व्यक्ति थे।
बाबा साहब ने देश में बौद्ध आंदोलन को चलाया था
आपको बता दें कि डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को एक गरीब दलित परिवार में हुआ था। उनका पूरा नाम डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर था। भीमराव अंबेडकर रामजी मालोजी सकपाल और भीमाबाई की 14वीं व अंतिम संतान थे। अंबेडकर हिंदू महार जाति से संबंध रखते थे, जो अछूत कहे जाते थे और उनके साथ सामाजिक और आर्थिक रूप से गहरा भेदभाव किया जाता था। बाबा साहब ने देश में बौद्ध आंदोलन को चलाया।
भारत रत्न से सम्मानित हैं बाबा साहब
बाबासाहब अंबेडकर को भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया है। अंबेडकर को भारतीय बौद्ध भिक्षुओं ने बोधिसत्व की उपाधि प्रदान की थी तो वहीं उन्हें लंदन विश्वविद्यालय द्वारा 'डॉक्टर ऑफ साईंस' से भी नवाजा गया था।
'थॉट्स ऑन पाकिस्तान'
1941 और 1945 के बीच में उन्होंने बड़ी संख्या में पुस्तकें और पर्चे प्रकाशित किये जिनमे 'थॉट्स ऑन पाकिस्तान' भी शामिल है, जिसमें उन्होने मुस्लिम लीग की मुसलमानों के लिए एक अलग देश पाकिस्तान की मांग की आलोचना की थी। 15 अगस्त 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद, कांग्रेस के नेतृत्व वाली नई सरकार में अंबेडकर पहले कानून मंत्री बने।
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