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कोर्ट में बोलीं गुंजन सक्सेना- वायुसेना में कभी नहीं हुआ लिंग के आधार पर भेदभाव, फिल्म में कई सीन गलत

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नई दिल्ली: रिलीज के बाद से करण जौहर की फिल्म गुंजन सक्सेना पर विवाद जारी है। कुछ दिन पहले भारतीय वायुसेना ने इसको लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। साथ ही आरोप लगाया था कि करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शन ने भारतीय वायुसेना की छवि खराब की है। जिस पर कोर्ट ने पूर्व वायुसेना अधिकारी गुंजन सक्सेना से जवाब मांगा था। अब गुंजन ने फिल्म के कई सीन को गलत बताया है।

पंजा लड़ाने वाला सीन गलत

पंजा लड़ाने वाला सीन गलत

अपने जवाब में गुंजन सक्सेना ने कहा कि फिल्म में अधिकारियों के साथ पंजा लड़ाने वाला सीन दिखाया गया है, वो काल्पनिक है। उनके साथ वैसा कुछ नहीं हुआ था। इसके साथ ही लिंग के आधार पर गुंजन सक्सेना के साथ वायुसेना में भेदभाव का भी सीन फिल्म में था। जिस पर गुंजन ने कहा कि ये पूरी तरह से गलत है। वायुसेना में सेवा के दौरान उन्हें कभी भी लिंग के आधार पर भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ा। उन्होंने कहा कि वायुसेना एक प्रगतिशाली संस्था है। उन्होंने जो सेवा का मौका मुझे दिया मैं उसके लिए आभारी रहूंगी।

'वायुसेना अधिकारियों को दिखाया विलेन'

'वायुसेना अधिकारियों को दिखाया विलेन'

वहीं केंद्र सरकार की ओर एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने हाईकोर्ट में पक्ष रखा और फिल्म को गलत जानकारी के साथ दिखाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि फिल्म में गुंजन सक्सेना को पहली महिला पायलट के रूप में दिखाया गया है, जबकि वो तीसरे महिला बैच की पायलट थीं। इसके अलावा अगर धर्मा प्रोडक्शन फिल्म में गुंजन के निजी जीवन के बारे में दिखाता तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं थी। इस फिल्म में वायुसेना को लेकर कई गलत चीजें दिखाई गई हैं, जिस पर वायुसेना को आपत्ति है। उन्होंने कहा कि फिल्म में एक तरह से वायुसेना अधिकारियों को विलेन की तरह दिखाया गया है।

मिलकर सुलझाएं विवाद

मिलकर सुलझाएं विवाद

सुनवाई के दौरान धर्मा प्रोडक्शन के भी वकील मौजूद थे। उन्होंने कहा कि अगर जज ये फिल्म देखना चाहें तो देख लें और फिर इस पर फैसला लें। उनके मुताबिक आमतौर पर महिलाओं के साथ काम के दौरान भेदभाव होता है। फिल्म में सिर्फ यही एंगल दिखाया गया है। उनकी फिल्म का मकसद वायुसेना की छवि खराब करनी नहीं थी। इस पर कोर्ट ने कहा कि अब तक बहुत से लोग इसे नेटफ्लिक्स पर देख चुके हैं, ऐसे में थिएटर कोई नहीं जाएगा। इस वजह से वायुसेना और नेटफ्लिक्स को साथ बैठकर इस विवाद को सुलझाना चाहिए। जिसके बाद सुनवाई को जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

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English summary
Gunjan Saxena told in delhi high court faced No Discrimination in air force
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