Gunjan Saxena- The Kargil Girl: कौन हैं गुंजन सक्सेना, क्यों कहलाती हैं 'कारगिल गर्ल'?
नई दिल्ली। इन दिनों अभिनेत्री जाह्नवी कपूर अपनी आने वाली फिल्म 'गुंजन सक्सेना द कारगिल गर्ल' को लेकर चर्चा में हैं, कोरोना संकट की वजह से हुए लॉकडाउन के कारण जाह्नवी की ये बहुप्रतिक्षित फिल्म थिएटर्स में नहीं बल्कि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज होने जा रही है, हालांकि इसकी रिलीज डेट का खुलासा नहीं किया गया है लेकिन फिल्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज होगी, इस बात का आधिकारिक ऐलान नेटफ्लिक्स की ओर से ही किया गया है, उसने ट्वीट करते हुए लिखा है कि 'प्लेन लड़का उड़ाए या लड़की, उसे पायलट की कहते हैं, जल्द आ रहीं हैं गुंजन सक्सेना।'
'कारगिल गर्ल' के नाम से मशहूर हैं गुंजन सक्सेना
मालूम हो कि ये फिल्म 24 अप्रैल को प्रदर्शित होने वाली थी लेकिन लॉकडाउन के कारण ये रिलीज नहीं हो पाई लेकिन अब ये दर्शकों तक नेटफ्लिक्स के जरिए पहुंचेगी, फिलहाल इस वक्त ये फिल्म, जाहन्वी कपूर और 'कारगिल गर्ल' के नाम से मशहूर गुंजन सक्सेना सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई हैं, हर कोई देश की रीयल वीरांगना के बारे में जानने को बेकरार है।
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जिसका ख्वाब आसमां में उड़ने का था...
तो चलिए विस्तार से जानते हैं कि कारगिल गर्ल के नाम से मशहूर गुंजन सक्सेना आखिर हैं कौन, दरअसल गुंजन सक्सेना, उस महिला का नाम है, जो रहने वाली तो लखनऊ की थी लेकिन ख्वाब आसमान में उड़ने का देखती थी, जिसके दिल में देश के लिए कुछ करने का जज्बा था तो जिसके हौसलों में इतनी शक्ति थी कि उसके आगे हर मुसीबत ने खुद ही घुटने टेक दिए।
चीता हेलीकॉप्टर उड़ा कर रचा इतिहास
दरअसल शौर्य पुरस्कार से नवाजी जा चुकीं गुंजन सक्सेना भारतीय वायुसेना में फ्लाइट लेफ्टिनेंट रह चुकी हैं, 44 साल की गुंजन फिलहाल अब रिटायर हो चुकी हैं लेकिन वो पूरी दुनिया में 'कारगिल गर्ल' के नाम से ही पहचानी जाती हैं क्योंकि कारगिल युद्ध के दौरान गुंजन सक्सेना ने युद्ध क्षेत्र में बेखौफ होकर चीता हेलीकॉप्टर उड़ाया था और इस दौरान वह द्रास और बटालिक की ऊंची पहाड़ियों से भारतीय जवानों को बचाने में कामयाब हुई थीं।
गुंजन ने किया साबित महिलाएं भी बन सकती हैं पायलट
गुंजन ने साबित किया कि महिलाएं अगर रसोई में गोल रोटी बना सकती हैं तो मौका पड़ने पर वह काली बनकर दुश्मनों का नाश भी कर सकती हैं, महिलाएं भी पायलट बन सकती हैं और हेलीकॉप्टर को उड़ा सकती हैं, जिस वक्त पाकिस्तानी सेना, भारतीय सेनाओं पर रॉकेट बरसा रही थीं, उस वक्त मात्र 25 साल की गुंजन अपने चीता हेलीकॉप्टर के साथ भारतीय जवानों की सुरक्षा में लगी थीं, इस दौरान उन पर भी हमला हुआ लेकिन वो डटी रहीं और भारत मां की रक्षा के लिए अपनी जान पर खेलकर कई जवानों की जान बचाई थीं, इसी वजह से उन्हें 'कारगिल गर्ल' के नाम से नवाजा गया और शौर्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
बुलंद हौसलों से उड़ाए दुश्मनों के छक्के, रचा इतिहास
गुंजन के पिता और भाई दोनों ही आर्मी में थे, साल 1994 में जब गुंजन हंसराज कॉलेज से ग्रेजुएशन कर रही थी तब उन्होंने दिल्ली का सफदरगंज फ्लाइंग क्लब ज्वाइन किया था, उन्होंने इसके बाद SSB की परीक्षा उत्तीर्ण की और इंडियन एयरफोर्स में बतौर पायलट शामिल हुईं, ये वो दौर था, जब महिलाएं इस फील्ड में आती ही नहीं थीं, लेकिन गुंजन ने , दुनिया की परवाह ना करते हुए, अपनी मंजिल खुद चुनी, पायलट बनने के बाद भी गुंजन की मुश्किलें कम नहीं हुईं, उस वक्त भारतीय वायुसेना में महिला अधिकारियों को पुरुषों के बराबर उड़ान भरने का मौका नहीं दिया जाता था लेकिन गुंजन ने हार नहीं मानी और मुश्किल का बखूबी सामना किया, इसके लिए उन पर तंज कसे गए, मजाक उड़ाया गया लेकिन गुंजन ने साल 1999 के कारगिल वॉर में चीता हेलीकॉप्टर उड़ाकर सफलता का एक नया इतिहास लिख दिया।
सच्ची वीरांगना की कहानी है 'गुंजन सक्सेना द कारगिल गर्ल'
आपको बता दें कि गुंजन के पति भी IAF के पायलट हैं और दोनों को शादी से एक बेटी प्रज्ञा है, जिसका जन्म साल 2004 में हुआ था, फिल्म 'गुंजन सक्सेना द कारगिल गर्ल' उन्हीं की जीवनी पर आधारित है, जिसमें गुंजन के किरदार में जाह्नवी कपूर हैं, फिल्म के निर्माता करण जौहर हैं तो फिल्म का निर्देशन शरन शर्मा ने किया है।