फिल्म की रिलीज के साथ IAF की दो रिटायर्ड पायलट आमने-सामने, गुंजन सक्सेना बोली- अपने बारे में सफाई देने की जरूरत नहीं
नई दिल्ली। करन जौहर के बैनर धर्मा प्रोडक्श्न तले बनी फिल्म 'गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल' पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। गुंजन सक्सेना की साथी पायलट होने का दावा करने वाली श्रीविद्या राजन की फेसबुक पोस्ट के बाद अब एक नई कंट्रोवर्सी खड़ी हो गई है। गुंजन सक्सेना ने राजन के दावों को खारिज कर दिया है। गुंजन के मुताबिक उन्होंने कभी भी राजन के साथ फ्लाइंग नहीं की है। गुंजन ने श्रीविद्या के दावों पर अपने विचार रखे हैं। उन्होंने कहा है कि पिछले दो दशकों में कभी इस तरह के बयान नहीं आए जो अब एक फिल्म की रिलीज के बाद आ रहे हैं।
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'मैं इतिहास रचने की सोच के साथ नहीं गई थी'
कोविड-19 की वजह से फिल्म 'गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल' को ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफिल्क्स पर रिलीज किया गया है। फिल्म पर इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) के बाद अब एक रिटायर्ड हेलीकॉप्टर पायलट ने आपत्ति दर्ज कराई है। श्रीविद्या की मानें तो गुंजन सक्सेना फिल्म का तथ्यों से कोई लेना देना नहीं है और फिल्म वायुसेना की एक गलत इमेज प्रस्तुत करती है। श्रीविद्या राजन ने दावा किया है कि गुंजन सक्सेना नहीं बल्कि वह पहली महिला पायलट थीं जो सबसे पहले किसी कॉम्बेट जोन में दाखिल हुई थीं। गुंजन सक्सेना ने न्यूज चैनल एनडीटीवी के साथ बातचीत में कहा, 'जब मैं कारगिल गई तो मैं कभी इस सोच के साथ नहीं गई थी कि मुझे कोई रिकॉर्ड बनाना है या फिर कोई इतिहास रचना है। मेरा ध्यान सिर्फ फ्लाइंग और जितना संभव हो अपनी ड्यूटी पूरी करने पर था।'
'IAF ने लिया था मेरा नाम'
उन्होंने आगे कहा कि जंग खत्म होने के बाद आईएएफ की तरफ से मीडिया के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी गई थी। उस कॉन्फ्रेंस के दौरान आईएएफ ने भी उनका नाम पहली ऐसी महिला पायलट के तौर पर प्रस्तुत किया जो पहली बार वायुसेना के लिए किसी कॉम्बेट जोन में दाखिल हुई हो। उन्होंने कहा, 'जुलाई 1999 से लेकर आज तक, मेरा नाम कई हेडलाइंस में आया है, कई आर्टिकल्स के अलावा लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और एयरफोर्स की तरफ से लिए गए प्रमोशन एग्जाम में भी मेरा नाम दर्ज है।' गुंजन के मुताबिक इतने सालों में कभी भी इस बात को लेकर विवाद नहीं हुआ है। उन पर एक फिल्म रिलीज हुई और अब कुछ बदल गया है।
एक और पायलट ने फिल्म को बताया झूठा
गुंजन ने यह भी कहा है कि उन्होंने कभी भी श्रीविद्या के साथ कारगिल ऑपरेशंस के समय फ्लाइंग नहीं की है। न ही दोनों एक साथ, एक समय पर श्रीनगर में तैनात हुई थीं। उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता है कि मुझे इस बात की सफाई देने की जरूरत नहीं है कि कौन एक हफ्ते पहले पहुंचा या कौन बाद में।' श्रीविद्या राजन के अलावा रिटायर्ड विंग कमांडर नम्रता चांडी ने भी कहा है कि फिल्म 'गुंजन सक्सेना' कई तरह के झूठों को आगे बढ़ा रही है। उन्होंने भी यही दावा किया था कि श्रीविद्या राजन पहली महिला पायलट थीं जो कारगिल गई थीं न कि गुंजन। उनकी मानें तो श्रीविद्या को इस बात की तकलीफ नहीं होगी कि उनका श्रेय उनसे छीना जा रहा है।
पहली पायलट कौन, IAF विवाद पर चुप
अभी तक आईएएफ की तरफ से इस पूरे विवाद पर कोई भी टिप्पणी नहीं की गई है कि कारगिल में युद्ध के दौरान दाखिल होने वाली पहली लेडी पायलट कौन थी। वहीं राजन ने द ट्रिब्यून के साथ बातचीत में कहा कि उन्होंने जो कुछ भी लिखा है वह उस पर अडिग हैं। उन्होंने चैलेंज दिया है कि अगर कोई इन तथ्यों को नकार सकता है तो सामने आए। पिछले दिनों आईएएफ की तरफ से एक चिट्ठी सेंसर बोर्ड को भेजी गई है। आईएएफ ने फिल्म के कुछ सीन और डायलॉग्स पर आपत्ति दर्ज कराई है। आईएएफ का कहना है कि ये सीन और डायलॉग आईएएफ की एक नकारात्मक छवि पेश करते हैं। इस फिल्म में जाह्न्वी कपूर, फ्लाइट लेफ्टिनेंट (रिटायर्ड) गुंजन सक्सेना के रोल में हैं।