गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार में सजा का ऐलान: 11 दोषियों को उम्रकैद, बाकी को जेल
नयी दिल्ली (ब्यूरो)। साल 2002 के गुलबर्ग सोसाइटी दंगा मामले में अहमदाबाद की विशेष एसआईटी अदालत ने 24 दोषियों को सजा सुनाई है। 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा, 12 लोगों को 7 साल की सजा और 1 आरोपी को 10 साल की सजा दी गई है। आपको बताते चलें कि इस नरसंहार में कुल 69 लोगों की हत्या की गई थी। नरसंहार में 39 लोगों को जिंदा जला दिया गया था। जानिए क्या है गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार, अब तक क्या-क्या हुआ?
क्या है गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार?
अहमदाबाद का गुलबर्ग सोसायटी दंगा कांड 27 फरवरी 2002 को हुए गोधरा कांड के ठीक अगले दिन यानी 28 फरवरी 2002 को हुआ था। अहमदाबाद शहर में घटित हुए इस कांड में दंगाइयों ने गुलबर्ग सोसायटी पर हमला बोल दिया था, जहां कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी अपने परिवार के साथ रहा करते थे।
इस हमले में जाफरी सहित 69 लोगों की जान गई थी। नरसंहार में 39 लोगों के तो शव मिल गई ते बाकी 30 लोगों के शव नहीं मिले। कानूनी परिभाषा के तहत सात साल बाद उन्हें भी मृत मान लिया गया। गुलबर्ग सोसायटी में 29 बंगले और 10 फ्लैट थे। गुलबर्ग सोसायटी में सभी मुस्लिम रहते थे, सिर्फ एक पारसी परिवार रहता था।