कोरोना के मद्देनजर गुजरात सरकार ने महाराष्ट्र और MP की सीमा पर स्थापित की चैक पोस्ट
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस मामलो ने सरकार के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों की भी चिंता बढ़ा दी है। पड़ोसी राज्यों गुजरात, मध्य प्रदेश (एमपी) और कर्नाटक ने सोमवार को महाराष्ट्र से अपने राज्य में प्रवेश करने वाले लोगों की स्क्रीनिंग करने के लिए सीमावर्ती जिलों में चेक पोस्ट स्थापित करने का फैसला किया है। कर्नाटक इस मामले में एक कदम आगे निकल गया है। उसने महाराष्ट्र से आने वाले लोगों का आरटी-पीसीआर टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। महाराष्ट्र ने सोमवार को 5,210 नए मामले आए है।
गुजरात सरकार ने राज्य में प्रवेश करने वाले लोगों की स्क्रीनिंग के लिए महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की सीमाओं पर चेक पोस्ट स्थापित किए हैं। मध्य प्रदेश ने भोपाल, इंदौर, होशंगाबाद, बैतूल, सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, बड़वानी, खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, अलीराजपुर और महाराष्ट्र की सीमा से लगे जिलों में महाराष्ट्र से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू करने के लिए कहा है। वहीं कर्नाटक ने महाराष्ट्र और केरल से बसों या फ्लाइट से आने वाले लोगों की कोरोना टेस्ट अनिवार्य कर दिया है।
कर्नाटक ने पहले ही महाराष्ट्र और केरल से आने वाले लोगों के लिए निगेटिव आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट की अनिवार्यता की घोषणा कर दी थी। अब कलबुर्गी जिला प्रशासन ने महाराष्ट्र जाने वालों के लिए एडवाइजरी जारी की है। जिले में महाराष्ट्र सीमा पर पांच चेक पोस्ट लगाए गए हैं। महाराष्ट्र से कर्नाटक आ रहे लोगों को यहां निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट दिखानी होती है।
कर्नाटक ने यही नियम केरल से आने वाले लोगों के लिए भी लागू किया है। कर्नाटक सरकार के इस फैसले का केरल की सरकार ने विरोध किया है। विजयन ने सोमवार को कहा कि केरल से कर्नाटक जाने वाले कई बॉर्डर रोड्स को बंद करने का मामला केंद्र सरकार के सामने उठाया जाएगा।
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