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गुजरात: बहू की जिंदगी बचाने के लिए सास ने दी अपनी किडनी

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नई दिल्ली। सास -बहू के झगड़े के बारे में तो कई बार पढ़ा और सुना होगा, लेकिन आज जिस सास के बारे में हम बताने जा रहे हैं उन्होंने अपनी बहू की जिंदगी बचाने के लिए अपनी किडनी तक दे दी। सूरत में रहने वाली 37 साल की आशा भूत्रा किडनी की बीमारी से जूझ रही थीं। उसकी दाईं किडनी धीरे-धीरे सिकुड़ती जा रही थी। फिर उसका असर बाई किडनी पर भी होने लगा। हालत ऐसी हो गए कि आशा की जिंदगी बचाने के लिए आखिरी रास्ता बचा था। सिर्फ किडनी ट्रांसप्लांट से ही आशा की जान बच सकती थी।

 Gujarat: Mother in Law Donate Her Kidney to Daughter In Law

आशा का इलाज कर रहे डॉ मनोज गुंबर के मुताबिक आशा को उनके पति, ससुर और मां किडनी मिल सकती थी, लेकिन पति और ससुर को शुगर की बीमारी थी। उनकी मां 69 साल की थी इसलिए डॉक्टरों ने उनसे भी किडनी ट्रांसप्लांट करने से इंकार कर दिया। ऐसे में आशा की जिंदगी बचाने के लिए उनकी 65 साल की सास शांति देवी सामने आईं।

आशा की सास राजस्थान में रहती थीं। उन्हें गुजरात लाया गया, उनका पंजीकरण कराया गया। इस प्रॉसेस में तीन महीने का समय लगा, जिसके बाद अहमदाबाद के अस्पताल में शांति देवी ने अपनी बहू को अपनी किडनी देकर नई जिंदगी दी। सास द्वारा बहू को किडनी देना सामान्य नहीं माना जाता, लेकिन शांति देवी ने कहा कि वो भी किसी की मां है। इसलिए मैंने किडनी न देने के बारे में एक बार भी नहीं सोचा। वहीं इसके बारे में जानकर हर कोई शांत देवी की तारीफों के पुल बांध रहे हैं।

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English summary
Gujarat: Mother in Law Donate Her Kidney to Daughter In Law
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