जय शाह की अपील पर हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला, दी गईं थी ये दलीलें
अहमदाबाद। गुजरात उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की ओर से दायर की गई एक याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख दिया है। जिसमें निचली अदालत के फैसले को चैलेंज किया गया था। 12 अक्टूबर को कोर्ट ने इस खबर को किसी भी तरह के मीडिया माध्यम में प्रकाशित/पुनः प्रकाशित, चर्चा, साक्षात्कार आदि न करने का आदेश दिया गया था। लेकिन 23 दिसंबर 2017 कोद वायर पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह के कारोबार में 2014 में भाजपा सरकार आने के बाद हुई ज़बरदस्त वृद्धि पर की गयी रिपोर्ट पर लगाई गई आंशिक अंतरिम रोक हटा दी थी।
इसी केस में शुक्रवार को सुनवाई हुई थी। जस्टिस परेश उपाध्याय ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। आपको बता दें कि जय शाह ने दिसंबर 2017 में अहमदाबाद जिला कोर्ट के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। कोर्ट ने कहा कि था बेव पोर्टल जय शाह के बिजनेस के खिलाफ बिना पीएम नरेंद्र मोदी का जिक्र लिख सकता है।
द वायर की ओर से अपना पक्ष रखते हुए वकील ने कहा कि, हम अपने आर्टिकल पर कामय है। हमें आर्टिकल में बदलाव करने की जरूरत नहीं है। हमें प्रूफ करने की जरूरत नहीं है। फिर चाहे अंतरिम आदेश कुछ भी आए। अगर हम आर्टिकल में बदलाव करते हैं तो यह लोगों को हतोत्साहित होंगे और बोलने से रोकेगा। उन्होंने तर्क दिया कि यदि मामला एक निजी व्यक्ति तक ही सीमित होता, तो टिप्पणियां नहीं की जा सकती, लेकिन अगर वह किसी सार्वजनिक व्यक्ति से जुड़ी हुई थी, इसे लोगों द्वारा किए गए कमेंट से फर्क पड़ता है।
वहीं जय शाह के वकील निरुपम नानावती ने दूसरी ओर तर्क दिया कि निचली अदालत ने पहली नजर में कहा था कि लिखने में प्रधानमंत्री को खींचना सही नहीं था। उन्होंने तर्क दिया, मेरे पिता का पद और प्रधानमंत्री से जोड़कर दुनिया को यह बताया गया कि मैंने इन संबंधों के कारण अपने व्यवसाय को बढ़ाया है।