गुजरात में कोरोना टेस्ट पॉलिसी में बदलाव, अस्पतालों के सामने खड़ी हुई नई मुसीबत
नई दिल्ली: भारत में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 2.47 लाख के पार पहुंच चुकी है। गुजरात भी कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में से एक है, जहां अब तक 19,617 मामले सामने आए हैं। इसमें 1219 मरीजों की मौत हुई है। हाल ही में गुजरात सरकार ने कोरोना टेस्ट पॉलिसी में बदलाव किया था। जिससे अस्पतालों के सामने बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है। गुजरात के डॉक्टर अब इस पॉलिसी में बदलाव की मांग कर रहे हैं।
Ahmedabad Mirror की रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात सरकार ने दो जून को कोरोना जांच की पॉलिसी में बदलाव किया था। जिसके मुताबिक अब बिना भर्ती हुए मरीजों की कोरोना जांच नहीं होगी। इसके बाद अहमदाबाद के कई अस्पतालों के बेड फुल हो गए। जिस वजह से अब मरीजों को दूसरे अस्पताल भेजना पड़ रहा है या फिर एडमिशन के लिए उन्हें लंबा इंतजार करवाया जा रहा है। इस स्थिति में मरीज खुद प्राइवेट लैब्स में जाकर टेस्ट भी नहीं करवा सकते हैं। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि जल्द ही पॉलिसी नहीं बदली गई, तो स्थिति और ज्यादा खराब हो सकती है।
कोरोना वायरस की जांच में रिकॉर्ड बढ़ोतरी, 24 घंटे में हुए 1.42 लाख से ज्यादा टेस्ट
अहमदाबाद मेडिकल एसोसिएशन (एएमए) और अहमदाबाद हॉस्पिटल्स एंड नर्सिंग होम्स एसोसिएशन (एएचएनए) मुताबिक अब वहां पर कोविड के ज्यादा बेड नहीं हैं। ऐसे में जांच की नई पॉलिसी स्वास्थ्य सेवाओं को बुरी तरह से प्रभावित कर रही है। एसएएल अस्पताल के मुताबिक उनके 72 कोविड-19 बेड भर चुके हैं। जिस वजह से रोजाना उन्हें करीब 10 मरीजों को वापस भेजना पड़ रहा है। वहीं बेड की संख्या बढ़ाने पर उन्होंने कहा कि अब अस्पताल में अन्य रोगों से ग्रसित मरीज भी आने शुरू हो गए हैं। ऐसे में बेड की संख्या बढ़ाना मुश्किल है। शहर के अन्य अस्पतालों का भी यही हाल है। वहीं मामले में शुक्रवार को प्रमुख स्वास्थ्य सचिव ने कहा था कि विभाग इस बारे में चर्चा कर रहा है, जल्द ही कोई फैसला लिया जाएगा, लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई आदेश नहीं आया है।