क्या शंकर सिंह वघेला की वजह से मध्य गुजरात में BJP को होगा फायदा?
नई दिल्ली। गुजरात चुनाव से ठीक पहले वरिष्ठ नेता शंकर सिंह वघेला का कांग्रेस से निष्कासन को भाजपा अपने पक्ष में देख रही है। भाजपा को उम्मीद है कि गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वघेला के कांग्रसे छोड़ने से मध्य गुजरात में उसकी सीटों की संख्या में इजाफा होगा। बता दें कि शंकर सिंह वघेला की पार्टी जन विकल्प मोर्चा ने गुजरात चुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं।
मध्य गुजरात में BJP को होगा फायदा?
भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि वघेला जी की पार्टी जन विकल्प मोर्चा ने इस बार चुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं। पार्टी को इसका फायदा मिलेगा। भाजपा के एक और नेता ने बताया कि पार्टी इसके अलावा मध्य गुजरात में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए उम्मीदवार और पाटीदार आंदोलन के खिलाफ इलाके में खाम(क्षत्रिय-हरिजन-आदिवासी-मुस्लमिस) गठजोड़ पर निर्भर है।
इस बार लड़ाई कठिन: RSS नेता
हालांकि राष्ट्रीय स्वंयसेवक के संगठन सचिव, धमेश मेहता, के मुताबिक इस बार लड़ाई पहले के मुताबिक ज्यादा कठिन है। धमेश मेहता ने कहा, 'चुनाव में वघेला जी की अनुस्थिति से निश्चित ही भाजपा को फायदा मिलेगा। अगर उनकी जन विकल्प मोर्चा चुनाव में हिस्सा लेती तो भाजपा के लिए मुश्किल होता क्योंकि मध्य गुजरात मे उनका अच्छा खासा प्रभाव है। क्षत्रिय जाति से जुड़े होने के नाते वे क्षत्रिय वोटरों को भी प्रभावित करते हैं जिनके पास कुल 8 प्रतिशत वोट है।'
पहले किया था चुनाव लड़ने का ऐलान
बता दें कि नरेंद्र मोदी के बाद गुजरात में दूसरे सबसे लोकप्रिय नेता माने जाने वाले शंकर सिंह वघेला ने चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। वघेला कांग्रेस द्वारा खुद को मुख्यमंत्री पद के चेहरे के तौर पर न चुने के कारण नाराज थे। कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने अपनी पार्टी जन विकल्प मोर्चा बनाते हुए पूरे गुजरात में चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।
ये भी पढ़ें- Jio के इन 4 प्लान में नहीं है डाटा लिमिट, अनलिमिटेड करें यूज