रिटायरमेंट से एक दिन पहले बर्खास्त हुआ गुजरात का यह IPS, वजह जानकर रह जाएंगे सन्न
अहमदाबाद। गुजरात में 2002 के साम्प्रदायिक दंगों में बिलकिस बानो गैंगरेप मामले में दोषी करार दिए गए गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी आर एस भगोरा को रिटारमेंट से एक दिन पहले गृह मंत्रालय ने बर्खास्त कर दिया। गृह विभाग को भगोरा की बर्खास्तगी के संबंध में 29 मई को केंद्रीय गृह मंत्रालय से सूचना मिली थी। राज्य सरकार के गृह विभाग के सचिव एमआर सोनी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
गृजरात के गृह विभाग के उप सचिव (पूछताछ) एम आर सोनी ने कहा कि 60 वर्षीय अधिकारी को 31 मई को अवकाश ग्रहण करना था और वह अहमदाबाद में पुलिस उपायुक्त (यातायात) पद पर कार्यरत थे। गृह विभाग को भगोरा की बर्खास्तगी के संबंध में 29 मई को केंद्रीय गृह मंत्रालय से सूचना मिली थी। सरकारी रिकार्ड के अनुसार भगोरा राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी थे और उन्हें 2006 में प्रोन्नत कर आईपीएस कैडर प्रदान किया गया था।
बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने इस साल मार्च में इस मामले पर सुनवाई करते हुए गुजरात सरकार को आदेश दिए थे कि वह भगोरा सहित उन अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई करे जिन्होंने बिल्कीस बानो गैंगरेप मामले में कर्तव्य पालन में कोताही की थी। इससे पहले बंबई उच्च न्यायालय भगोरा को दोषी ठहरा चुका था। बता दें कि बर्खास्तगी के कारण भगोरा को वे सब लाभ नहीं मिल सकेंगे जिनके हकदार रिटायर्ट सरकारी कर्मचारी होते हैं।
वहीं इस मामले की सुनवाई करते हुए 23 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को आदेश दिया था कि, वह बिल्किस बानो को 50 लाख रुपये का मुआवजा दे और इसके साथ ही बानो को सरकारी नौकरी भी दे। बता दें कि, 2002 में दाहोद के रणधिकपुर की पीड़ित बिल्कीस बानो के साथ समूह ने दुष्कर्म किया गया था। इस घटना के समय बिल्कीस बानो 5 महीने की गर्भवती थी। यहीं नहीं इन नरसंहार में उसकी 3 बच्चों की हत्या भी कर दी गई थी। इस घटना में उसके परिवार के सात लोग मारे गए थे।
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