गुजरात चुनाव में कांग्रेस की उम्मीद पर पानी फेर सकते हैं ये आंकड़े
नई दिल्ली। गुजरात के चुनाव में कांग्रेस ने इस बार अपनी पूरी ताकत झोंक दी है, पार्टी चाहती है कि वह लंबे समय के वनवास के बाद प्रदेश में सत्ता में वापसी कर सके। पार्टी अपनी उम्मीदें सूती और मूंगफली की कीमतों में से बढ़ोतरी, जीएसटी में खामियां, पाटीदार आंदोलन पर टिकी हैं, लेकिन अगर 2012 के चुनाव के नतीजों पर नजर डालें तो भाजपा और कांग्रेस में एक बड़ा अंतर नजर आता है, जिसे कांग्रेस के लिए नजरअंदाज करना बिल्कुलु आसान नहीं होगा और यह आंकड़ा कांग्रेस की उम्मीदों के बीच सबा रोड़ा है।
दोगुने वोट के अंतर से भाजपा ने हराया
2012 के चुनावी नतीजों का आंकलन करें तो भाजपाा ने कांग्रेस को काफी बड़े अंतर से हराया था, लोगों में भाजपा सरकार को लेकर संतुष्टि का इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा ने कांग्रेस को तकरीबन दोहरे के अंतर से हराया था। भाजपा ने गुजरात में कुल 115 सीटें जीती थीं, तकरीबन सभी सीटों पर भाजपा ने कांग्रेस के उम्मीदवार को औसतन 26236 वोटों के अंतर से हराया था, वहीं अगर उन सीटों पर नजर डालें जिनपर कांग्रेस के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है तो कांग्रेस के उम्मीदवारों ने भाजपा के उम्मीदवारों को औसतन 13577 वोटों से हराया है। 2012 में भाजपा ने जहां 115 सीटें जीती तो कांग्रेस ने कुल 61 सीटें जीती थीं, गुजरात विधानसभा में कुल 182 सीटें हैं।
ग्रामीण इलाकों में कांटे की टक्कर
कांग्रेस ने 61 में से 55 सीटों पर वहां जीत दर्ज की जो ग्रामीण इलाके हैं, ऐसे में साफ है कि कांग्रेस ने तकरीबन 90 फीसदी सीटें ग्रामीण इलाकों में जीती, जबकि भाजपा ने 63 ग्रामीण सीटों पर जीत दर्ज की, यानि भाजपा ने कुल 55 फीसदी सीटें ग्रामीण इलाको में जीती। गुजरात की कुल 124 सीटों पर नजर डालें तो यहां आधी से ज्यादा सीटों पर ग्रामीण आबादी प्रदेश की कुल आबादी की तकरीबन आधी है। ग्रामीण इलाकों में भाजपा और कांग्रेस दोनों ने काफी करीब से एक दूसरे को टक्कर दी, भाजपा ने 63 तो कांग्रेस ने 55 सीटों पर रजीत दर्ज की, लेकिन भाजपा का इन सीटों पर जीत का अंतर कांग्रेस की तुलना में थोड़ा बेहतर था। ग्रामीण इलाकों में भाजपा का जीत का अंतर तकरीबन 16688 था, जबकि कांग्रेस का ग्रामीण इलाकों में जीत का अंतर तकरीबन 14456 रहा है।
शहर में कांग्रेस का सूपड़ा साफ
लेकिन यह पूरा आंकड़ा पूरी तरह से बदल जाता है जब आप शहरी इलाकों में आते हैं। शहरी इलाकों में भाजपा ने कांग्रेस का लगभग पूरी तरह से सफाया कर दिया था। 58 शहरी सीटों में जहां की शहरी आबादी 50 फीसदी से अधिक है, वहां भाजपा ने कुल 52 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस इन जगहों पर सिर्फ 6 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी। एक तरफ जहां ग्रामीण इलाकों में भाजपा का जीत का अंतर कांग्रेस की तुलना में बहुत बड़ा नहीं था, लेकिन शहरी इलाकों में भाजपा ने कांग्रेस को भारी अंतर से हराया है।
कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती
शहरी इलाकों में भाजपा ने कांग्रेस को औसतन 37805 के अंतर से हराया है, जबकि कांग्रेस भाजपा को शहरी इलाकों में औसतन 5513 वोटों से ही हरा सकी है। सत्तारूढ़ भाजपा गुजरात में 22 साल से सत्ता में है और उसने कांग्रेस को गत चुनाव में काफी बड़े अंतर से हराया था। इस बार भी माना जा रहा है कि शहरी इलाकों में भाजपा का दबदबा काफी ज्यादा है, लेकिन जीएसटी के चलते भाजपा को कुछ नुकसान हो सकता है और कांग्रेस की पूरी उम्मीद इसी पर टिकी है। लेकिन कांग्रेस के लिए शहरी इलाकों में बड़ी चुनौती यह है कि यहां भाजपा का जीत का अंतर काफी ज्यादा है, जिसे पार पाना कांग्रेस के लिए इतना आसान नहीं है।
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