ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पर GST में छूट को लेकर सुनवाई, दिल्ली HC ने की एमिकस क्यूरी की नियुक्ति
नई दिल्ली, 7 मई। दिल्ली हाईकोर्ट ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के निजी उपयोग के लिए गिफ्ट के तौर पर आयात करने पर भी जीएसटी लगाए जाने के खिलाफ याचिका को लेकर सुनवाई की। इस दौरान हाई कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार को मामले में सलाह देने के लिए एमिकस क्यूरी (कोर्ट मित्र) नियुक्त किया है। न्यायमूर्ति राजीव शकधर और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की पीठ ने सुनवाई के दौरान ये नियुक्ति की है।
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कोविड-19 से पीड़ित एक 85 वर्षीय बुजुर्ग ने कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया था कि उन्हें अमेरिका से उपहार में एक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मिला है। याचिकाकर्ता के वकील सुधीर नंदराजोग ने कहा कि सरकार ने 1 मई को अधिसूचना जारी की थी जिसमें कहा गया है कि बाहर से आयातित किए जाने पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के लिए 12 प्रतिशत एकीकृत जीएसटी देनी होगी, भले ही यह उपहार के तौर पर आया हो।
जीवन
के
अधिकार
का
बताया
उल्लंघन
वकील
नंदराजोग
ने
मांग
की
थी
कि
ऑक्सीजन
कंसंट्रेटर
को
तुरंत
रिलीज
किया
जाना
चाहिए।
उन्होंने
कहा
कि
याचिकाकर्ता
आईजीएसटी
के
बराबर
राशि
अदालत
के
सामने
तीन
दिन
में
जमा
कर
देगा।
उन्होंने यह कहते हुए जीएसटी में छूट की मांग की थी कि एक मई की अधिसूचना संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का सीधा उल्लंघन है। इससे लोगों के जीवन के अधिकार का उल्लंघन होता है।
मंत्रालय
ने
लगाई
है
12%
जीएसटी
कोर्ट
ने
कहा
कि
"पूर्वगामी
परिस्थितियों
को
देखते
हुए
हम
दोनों
पक्षों
को
नोटिस
जारी
करने
को
इच्छुक
हैं
और
इसके
अनुसार
आदेश
दिया
जाता
है।"
हाईकोर्ट
ने
मामले
की
अगली
सुनवाई
के
लिए
18
मई
की
तारीख
दी
है।
कोर्ट
ने
कहा
"याचिकाकर्ता
द्वारा
आयातित
किया
गया
ऑक्सीजन
कंसंट्रेटर
जो
कि
संबंधित
सीमा
शुल्क
बाधा
तक
पहुंचा
हुआ
है,
कोर्ट
में
तीन
दिन
के
भीतर
आईजीएसटी
की
राशि
के
बराबर
डिपॉजिट
करने
पर
उसे
जारी
किया
जाएगा।
बुधवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने वित्त मंत्रालय से ऑक्सीजन केंद्रित करने वालों को छूट देने पर विचार करने के लिए कहा था। वर्तमान में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के आयात पर 12% आईजीएसटी लगाई गई है। मंत्रालय ने सोमवार को एक और अधिसूचना जारी की थी जिसमें दान में मिलने वाले ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पर आईजीएसटी में छूट दी गई थी।