लॉकडाउन से कई राज्यों की वित्तीय हालत खराब, सैलरी देने के लिए नहीं है फंड
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए मार्च में लॉकडाउन लागू हो गया था। जिस वजह से एक दर्जन से ज्यादा राज्यों पर वित्तीय दबाव बढ़ गया हैं। ऐसे में अब वहां के कर्मचारियों को वेतन देने में दिक्कतें आ रही है। गुरुवार को जीएसटी काउंसिल की 41वीं बैठक हुई। जिसमें राज्य सरकारों ने केंद्र सरकार के सामने अपने वित्तीय हालात बताए। साथ ही जल्द से जल्द जीएसटी के लंबित भुगतान की मांग की।
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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक और त्रिपुरा ऐसे राज्य हैं, जहां पर स्वास्थ्य कर्मियों को वेतन नहीं मिला है। वहीं उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में शिक्षकों के वेतन में देरी हो रही है। ऐसे में राज्य सरकारें जीएसटी का हिस्सा जल्द भुगतान करने की मांग कर रही हैं, क्योंकि वो अप्रैल से ही लंबित है। इसके अलावा केंद्र सरकार से अन्य फंड की भी मांग हो रही है, क्योंकि जब जीएसटी लागू हुआ था तो केंद्र सरकार ने प्रावधान किया था कि 5 साल तक उनके नुकसान की भरपाई केंद्र सरकार करेगी।
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राज्य सरकारों का कहना है कि पेट्रोलियम, शराब और स्टांप ड्यूटी को छोड़कर सब चीजें जीएसटी में शामिल हो गईं। जिसका भुगतान केंद्र को होता है यानी राज्य के कर राजस्व का 42 प्रतिशत हिस्सा जो राज्यों को मिलता था वो अब केंद्र को मिलने लगा है। लॉकडाउन ने कर व्यवस्था की कमर तोड़ दी। ऐसे में उनके पास फंड्स नहीं हैं। बैठक में शामिल एक मंत्री के मुताबिक जीएसटी लागू करते वक्त केंद्र सरकार ने तमाम वादे किए थे, लेकिन अब वो कह रही है कि हमारे पास पैसा ही नहीं है। ऐसे में स्थिति काफी चिंताजनक हो गई है।