महंगे होंगे मोबाइल फोन, जीएसटी 12 से बढ़ाकर 18 फीसदी किया गया
नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल ने मोबाइल फोन पर टैक्स बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया है। अभी तक मोबाइल फोन पर 2 फीसदी जीएसटी लगता है, जिसे अब बढ़ाकर 18 कर दिया गया है। शनिवार को हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक मे ये फैसला हुआ है। बैठक के बाद वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी जानकारी दी है। बैठक में और भी कई अहम निर्णय लिए गए हैं, साथ ही कोरोना के चलते अर्थव्यवस्था पर प्रभाव को लेकर चर्चा हुई है।
सीतारमण ने कहा कि मोबाइल पर लगने वाले जीएसटी को 18 फीसदी किया गया है। वहीं हैंडमेड और मशीन से बनाए गए माचिश पर लगने वाले जीएसटी को 12 फीसदी कर दिया गया है। एयरक्रॉफ्ट के मेंटिनेंस, रीपेयर ऐंड ओवरहॉल सर्विस पर जीएसटी की दर को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है। फर्टिलाइजर्स और फुटवियर पर लगने वाली जीएसटी दरों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।काउंसिल की बैठक में फैसला लिया गया है कि B2B सप्लाई और एक्सपोर्ट्स के लिए GSTR-1 फॉर्म भरना अनिवार्य होगा।
वित्तमंत्री ने बताया है कि वित्त वर्ष 2018-19 के लिए वार्षिक रिटर्न दाखिल करने और विवरण के समाधान के लिए नियत तारीख को 30 जून 2020 तक बढ़ा दिया गया है। साथ ही 2 करोड़ से कम कारोबार वाले करदाताओं को 2017-18 और 2018-19 के लिए वार्षिक रिटर्न और विवरण के समाधान दाखिल करने में देरी होने के लिए लेट फीस नहीं देनी होगी।
जीएसटी काउंसिल की शनिवार को 39वीं बैठक हुई, जिसमें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत कई राज्यों के वित्त मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बता दें कि जीएसटी बढ़ने से मोबाइल महंगे होंगे। इसको पहले से ही जानकारी सामने आ रही थी। जिसको देखते हुए ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर एसोसिएशन (एआईएमआरए) ने प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री को चिट्ठी लिखकर मोबाइल फोन पर जीएसटी ना बढ़ाने की मांग भी की थी। हालांकि ये मांग नहीं मानी गई।
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