भारत के सबसे भारी रॉकेट का बाहुबली के साथ क्या कनेक्शन है
चेन्नई। सोमवार को इसरो ने देश का सबसे भारी रॉकेट जीएसएलवी एमकेIII-डी1 सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया। इस रॉकेट की सफल लॉन्चिंग के बाद इसरो के वैज्ञानिकों में खुशी का माहौल था और इसके साथ ही वैज्ञानिकों ने इस राज से पर्दा भी उठाया कि इसका बाहुबली के साथ क्या कनेक्शन है। वैज्ञानिकों के मुताबिक इस रॉकेट को बाहुबली और 'आज्ञाकारी लड़का' जैसा नाम से भी पुकारा गया।
इसरो ने दिया बाहुबली को जन्म
इस रॉकेट की सफल लॉन्चिंग के बाद दुनिया भर में इसरो के लिए तालियां बज रही हैं। स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (सैक) के डायरेक्ट तपन मिश्रा ने इस मौके पर कहा, 'इस बात का गर्व है कि इसरो ने एक बाहुबली को जन्म दिया है।' सैक, इसरो का ही हिस्सा है और कई अहम लॉन्चिंग को नियंत्रित करता है।
गेम चेंजर है रॉकेट की सफलता
पीवी वेंकिता कृष्णन जो इसरो के प्रपल्शन कॉम्प्लेक्स के डायरेक्टर हैं, उन्होंने इस लॉन्च का एक 'गेम-चेंजर' करार दिया और कहा कि हार्डवेयर के मामले में यह मीलों लंबी छलांग है। उन्होंने कहा कि इस रॉकेट में काफी बड़ी मात्रा में स्वदेशी पार्ट लगे हैं और विदेशी हार्डवेयर की संख्या काफी कम है। उन्होंने आगे कहा कि यह पहले से ही तय था कि यह रॉकेट एक विशालकाय होगा लेकिन क्षमता और पेलोड झेलने की ताकत के आधार पर यह वास्तव में बहुत ही विशाल है।
स्मार्ट और आज्ञाकारी लड़का
इस रॉकेट के डेवलपमेंट में लगे दूसरे वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने इसे 'स्मार्ट और एक आज्ञाकारी लड़का' करार दिया। इस वरिष्ठ वैज्ञानिक की ओर से कहा गया, 'यह इसरो का स्मार्ट और सबसे अज्ञाकारी लड़का है। यह तकनीक का चमत्कार है और इसरो को एक मास्टरपीस है जिसने 56 प्रतिशत बढ़ी हुई वेलॉसिटी के साथ सैटेलाइट को प्रक्षेपित किया।
दो बड़ी टेक्नोलॉजी की शुरुआत
इस वैज्ञानिक के मुताबिक इस रॉकेट की सफल लॉन्चिंग के साथ ही भारत ने जटिल और उच्च क्षमता वाले क्रायोजेनिक टेक्नोलॉजी में महारत हासिल की है और वह उन कुछ देशों के समूह में शामिल हो गया है जिनके पास यह टेक्नोलॉजी है। विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के डायरेक्टर के सिवान ने कहा कि सोमवार को सफल लॉन्च ने दो बड़ी टेक्नोलॉजी की शुरुआत की है।