'सावरकर से बड़ा धर्मनिरपेक्ष कोई नहीं, ओवैसी को उनकी विचाराधारा पर आगे चलना चाहिए'
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नई दिल्ली। एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने जिस तरह से हाल ही में वीर सावरकर को लेकर भाजपा पर हमला बोला था, उसके बाद सावरक के पड़पोते रणजीत सावरकर ने ओवैसी पर पलटवार किया है। रंजीत ने कहा कि ओवैसी को सावरकर की विचारधारा को मानना चाहिए। सावरकर कहते थे कि अपने धर्म को घर में रखकर बाहर निकलिए। जब आप घर से बाहर होते हैं तो आप हिंदू या मुसलमान नहीं होते हैं, बल्कि आप भारतीय होते हैं।
रंजीत ने कहा कि सावरकर यह मानते थे कि जो भी संसद में प्रवेश करता है, उसे धर्म, जाति, लिंग आदी को बाहर छोड़कर आना चाहिए। आपको सावरकर जैसा सेक्युलर व्यक्ति कहीं नहीं मिलेगा।रणजीत सावरकर ने कहा कि इंदिरा गांधी ने वीर सावरकर को सम्मानित किया था। मुझे इस बात का पूरा भरोसा है कि इंदिरा गांधी वीर सावरकर को मने वाली नेता थीं, इसी वजह से उन्होंने पाकिस्तान को घुटनों के बल ला दिया था, हमारी सेना को उन्होंने इतना मजबूत किया, अन्य देशों के साथ संबंध को सशक्त बनाया। उन्होंने परमाणु परीक्षण भी किया। यह सबकुछ उन्होंने नेहरू और गांधी की विचारधारा के विरुद्ध जाकर किया
दरअसल वीडी सावरकर को मोदी सरकार भारत रत्न दिए जाने पर विचार कर रही है, इसी पर तंज कसते हुए ओवैसी ने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या की साजिश करने वाले को कैसे भारत रत्न दिया देने के बारे में सोचा जा सकताहै। अगर आप सावरकर को यह सम्मान दे रहे हैं तो नाथूराम गोडसे को भी भारत रत्न दे देना चाहिए।
औवैसी ने कहा कि हम आने वाली पीढ़ियों के लिए क्या नजीर पेश करना चाहते हैं, ऐसे लोगों को भारत रत्न दिया जानाा चाहिए जिन्होंने अंग्रेजो के सामने दया नहीं मांगी उनसे लड़े और कभी भी माफी नहीं मांगी। गौरतलब है कि भाजपा ने महाराष्ट्र चुनाव में अपने संकल्प पत्र में वीर सावरकर को भारत रत्न दिलवाने का वादा किया था। खुद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि केंद्र सरकार से वह यह मांग करेंगे कि वीर सावरकर को भारत रत्न दिया जाए।