फर्जी स्कीम है बिटकॉइन, केंद्र सरकार ने जारी की चेतावनी
वित्त मंत्रालय ने साफ किया है कि इस करंसी को सरकार की तरफ से कोई सहारा व समर्थन नहीं है।
नई दिल्ली। बिटकॉइन की बढ़ती वैल्यू को देखते हुए कई लोगों ने इसमें निवेश शुरू किया है लेकिन ये निवेश उनको नुकसान पहुंचा सकता है। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा है कि बिटकॉइन में निवेश काफी ज्यादा जोखिम भरा है। इसकी वजह से आपकी गाड़ी कमाई डूब सकती है। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि हर व्यक्ति इसमें निवेश अपनी जिम्मेदारी पर करे। वित्त मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि बिटकॉइन जैसी वर्चअल करंसी की कोई स्वाभाविक वैल्यू नहीं होती है। ये किसी भी तरह की संपति से नहीं जुड़ी होती है। इसकी वजह से बिटकॉइन की कीमतों में जो उछाल और गिरावट आती है, वह सीधे तौर पर सिर्फ अटकलों के आधार पर होता है।
बिटकॉइन को सरकार का साथ नहीं
वित्त मंत्रालय ने निवेशकों को चेताया है कि बिटकॉइन में निवेश करने में काफी ज्यादा जोखिम है। यह कुछ उन पोंजी स्कीम की तरह ही है, जिसमें आपको कई बार एक झटके में काफी बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है। मंत्रालय ने हिदायत दी है कि आम आदमी इसमें निवेश करने से बचे क्योंकि उनकी गाड़ी कमाई इसमें डूब सकती है।
भारतीय रिजर्व बैंक भी चेतावनी जारी कर चुका है
वित्त मंत्रालय ने साफ किया है कि इस करंसी को सरकार की तरफ से कोई सहारा व समर्थन नहीं है। ऐसे में अगर इस करंसी में आपका पैसा डूबता है, तो उसकी जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ आपकी होगी। सरकार इसमें कुछ नहीं कर पाएगी। सरकार ने साफ किया है कि उसने किसी भी वर्चुअल करंसी को लेनदेन के लिए अप्रूवल नहीं दिया है। इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक भी इस करंसी को लेकर आम लोगों को चेतावनी जारी कर चुका है। आयकर विभाग ने कुछ एक्सचेंज का सर्वे कर ऐसे लोगों को डाटा जमा किया है, जिन पर टैक्स चोरी की आशंका है।
बिटकॉइन पर लगाम लगाने की तैयारी में सरकार
सरकार ने बिटकॉइन सहित सभी क्रिप्टोकरेंसी (आभासी मुद्रा) पर लगाम कसने के लिए उन्हें नियामकीय दायरे में लाने की तैयारी कर ली है। सूत्रों के मुताबिक सरकार क्रिप्टोकरेंसी की परिभाषा तय कर सकती है और अगले साल के बजट में इस बारे में नियामकीय व्यवस्था की घोषणा कर सकती है। सूत्रों ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार की तरफ से गठित विशेषज्ञों की समिति ने इस मुद्दे पर मसौदा रिपोर्ट तैयार की है। इसमें बिटकॉइन की परिभाषा, इसे मुद्रा का दर्जा देने या नहीं देने और पूंजीगत संपत्ति या अस्थिर मौद्रिक संपत्ति घोषित करने के बारे में बात की गई है।
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