किसान-सरकार के बीच समझौते के लिए चिदंबरम ने बताया आसान तरीका
नई दिल्ली। कृषि बिल को लेकर किसानों का आंदोलन और तेज होता जा रहा है। 10 दिन से ज्यादा का समय गुजर चुका है और केंद्र के साथ किसान नेताओं की कई बार बैठक हो चुकी है लेकिन नतीजा नहीं निकला है। वहीं कांग्रेस इस मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। इसी क्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि यह चौंकाने वाला है कि दिल्ली की कड़कड़ाती सर्दी में किसानों के 20 दिनों के विरोध के बाद भी सरकार 'रद्द नहीं होगा' के रुख पर कायम है।
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चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा कि यह स्पष्ट है कि किसानों और सरकार के बीच किसी भी समझौते के लिए संसद में एक नए विधेयक को पारित करने की आवश्यकता होगी। सबसे आसान तरीका यह है कि वर्तमान कानूनों को निरस्त किया जाए और समझौते के आधार पर एक नया कानून फिर से बने। निरसन और पुनः अधिनियमन प्रसिद्ध विधायी उपकरण है। सरकार को आसमान से नीचे उतरना चाहिए और किसानों के साथ शीघ्रता से समझौता करना चाहिए।
अधीर रंजन चौधरी ने कही ये बात
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि किसान का मुद्दा गंभीर बन चुका है। इसमें पाकिस्तान भी दखल देने की कोशिश कर रहा है। इन सब को देखते हुए मैंने यह गुहार लगाई थी कि संसद का सत्र बुलाया जाए और किसानों के मुद्दों के ऊपर चर्चा कर हल निकाला जाए। अधीर रंजन चौधरी ने आगे कहा कि मुझे लगता है कि सरकार नहीं चाहती किसी भी हालत में सदन चले। सदन चलते ही किसानों के मुद्दे सामने आ जाएंगे।
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