सरकार ने मास्क और सैनिटाइजर को आवश्यक वस्तुओं की लिस्ट से बाहर किया
नई दिल्ली। भारत सरकार ने फेस मास्क और सैनिटाइजर को आवश्यक वस्तुओं के दायरे से बाहर कर दिया है। देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच मास्क और सैनिटाइजर के महत्व को देखते हुए सरकार ने इन्हें आवश्यक वस्तु अधिनियम में शामिल करने का फैसला किया था। जिसे अब बदल दिया गया है। खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने आवश्यक वस्तुओं की सूची यानी Essential Commodity Act से फेस मास्क और हैंड सैनिटाइजर को अब बाहर कर दिया है।
मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि राज्यों से मास्क और सैनिटाइजर की उपलब्धता या कालाबाजारी जैसी किसी तरह की कोईशिकायत नहीं मिली है। जिसके बाद ये फैसला लिया गया है। आवश्यक वस्तु अधिनियम जरूरी वस्तुओं की कालाबाजारी रोकने औपर उनके दाम काबू करने को लिए बनाया गया है। इस कानून को तोड़ने पर सात साल तक की जेल हो सकती है और जुर्माना भरना पड़ सकता है।
सरकार ने पहले आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की अनुसूची में संशोधन करते हुए, मास्क और सैनिटाइजर को 30 जून, 2020 तक के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत आवश्यक वस्तु के रूप में घोषित करने का आदेश जारी दिया था। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्री रामविलास पासवान ने इसको लेकर ट्वीट कर कहा था कि कोरोना वायरस के खतरे के बाद बाजार के रुझान को देखते हुए सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955 की अनुसूची में संशोधन कर 2, 3 प्लाई सर्जिकल फेस मास्क, एन95 मास्क और हैंड सैनिटाइजर को 30/6/2020 तक आवश्यक वस्तु घोषित किया था। इससे इनकी उपलब्धता बढ़ेगी और कालाबाजारी रूकेगी।
बता दें कि देश में कोरोना के कुल केस सात लाख से ज्यादा हो गए हैं। मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दीी गई जानकारी के मुताबिक, देश में बीते 24 घंटों के भीतर कोरोना वायरस के 22,252 नए मामले सामने आए हैं और 467 मरीजों की मौत हुई है। जिसके बाद देश में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 7,19,665 हो गई है, जिसमें 2,59,557 सक्रिय मामले हैं और अब तक 4,39,948 मरीज ठीक हुए हैं। अभी तक कुल 20,160 मौतें इस वायरस से हुई हैं।
केंद्रीय मंत्री प्रताप सारंगी हुए होम क्वारंटीन, कोरोना पॉडिटिव विधायक के संपर्क में आए थे