सरकारी पैनल ने कहा कोविशील्ड के डोज गैप को अब बदलने की जरूरत नहीं लेकिन...
नई दिल्ली, 22 जून। कोरोना वायरस से बचाने के लिए भारतीयों को लगाई जा रही कोरोना वैक्सीन की दो डोज के बीच के गैप को लेकर बहस छिड़ी हुई है। विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा चिंता व्यक्त किए जाने के बाद सरकार ने फिर कहा है कि भारत में कोविशील्ड वैक्सीन के वर्तमान खुराक अंतराल यानी बीच के गैप को बदलने की कोई आवश्यकता नहीं है।
हालांकि, नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कहा, ऐसा नहीं है कि ये पत्थर पर लिख गया है। इसका मतलब ये कि अंतराल को लेकर बदलाव भी हो सकता है लेकिन अभी नहीं।" बता दें भारत में, दो कोविशील्ड की दो डोज के बीच का अंतर चार से छह सप्ताह का था, फिर बढ़कर छह से आठ हो गया और अब 12-16 सप्ताह हो गया है।
कोविड पैनल के अध्यक्ष डॉ एनके अरोड़ा ने कहा सरकार ने ये भी कहा कि भारत के पास एक दिन में 1.25 करोड़ वैक्सीन डोज देने की क्षमता है और अगले महीने 20-22 करोड़ डोज उपलब्ध होंगे। "त्वरित टीकाकरण अर्थव्यवस्था को खोलने और वापस सामान्य होने की कुंजी है। उद्देश्य एक दिन में कम से कम एक करोड़ लोगों का टीकाकरण करना है।
नीति आयोग के वीके पॉल बोले- टीकाकरण में तेजी से ही रफ्तार पकड़ेगी भारत की अर्थव्यवस्था
कोविशील्ड वैक्सीन की खुराक के बारे में डॉ अरोड़ा ने कहा कि इस समय अंतराल को बदलने की कोई आवश्यकता महसूस नहीं होती है। उन्होंने कहा "हम राष्ट्रीय वैक्सीन ट्रैकिंग सिस्टम के तहत डेटा एकत्र कर रहे हैं, और टीकों की प्रभावशीलता, डोज के अंतराल अंतराल, क्षेत्र-वार प्रभाव और वेरिएंट के बारे में वास्तविक समय का मूल्यांकन भी कर रहे हैं। फिलहाल वर्तमान समय में कोविशील्ड के खुराक अंतराल को बदलने की कोई आवश्यकता महसूस नहीं होती है। डॉ अरोड़ा ने कहा।"मूल सिद्धांत यह है कि हमारे लोगों को टीके की हर खुराक से अधिकतम लाभ मिलना चाहिए। हम पाते हैं कि मौजूदा खुराक फायदेमंद साबित हो रही है।"