यूके हाईकोर्ट से माल्या की अर्जी खारिज होने के बाद भारत सरकार ने तेज की प्रत्यर्पण की कोशिशें
नई दिल्ली। भारत सरकार ने भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के भारत प्रत्यर्पण के लिए कोशिशें तेज कर दी हैं। विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि सरकार ब्रिटेन के साथ इस मामले पर बात कर रही है और उसकी याचिका खारिज होने के बाद अब अगला कदम उठाएगी। दरअसल यूके के हाईकोर्ट ने प्रत्यर्पण के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाने की याचिका खारिज कर दी है। इसी को लेकर विदेश मंत्रालय का ये बयान आया है।
बीते हफ्ते विजय माल्या को यूके हाईकोर्ट से झटका लगा है। हाईकोर्ट ने प्रत्यर्पण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाने की याचिका खारिज कर दी है। इस फैसले के बाद माल्या के ज्यादातर कानूनी रास्ते बंद हो चुके हैं। माल्या के पास सिर्फ यूरोपियन कोर्ट ऑफ ह्यूमन राइट्स में अपील करने का विकल्प है। अगर वह इसे इस्तेमाल नहीं करता है, या उसे यहां से राहत नहीं मिली तो तो उसे जल्द ही भारत लाया जा सकता है। अगर यूरोपियन कोर्ट ऑफ ह्यूमन राइट्स (ECHR) मामला जाता है तो प्रत्यर्पण लटक सकता है। ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल 28 दिन में माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर फैसला ले सकती हैं।
माल्या ने दिया है 'ऑफर'
हाल ही में विजय माल्या ने ट्वीट कर लिखा कि सरकार को कोरोना संकट के बीच बड़े राहत पैकेज के ऐलान के लिए बधाई दी है। साथ ही उनसे पैसा वापस लेने को भी कहा है। माल्या ने ट्वीट किया, कोविड-19 राहत पैकेज के लिए सरकार को बधाई। वे जितनी चाहे करेंसी छाप सकते हैं, लेकिन मेरे जैसे छोटा योगदान देने वाले जो स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का 100 फीसदी बकाया लोन देने चाहता है उसे निरंतर उपेक्षित किया जा सकता है।
बता दें कि भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या पर भारतीय बैंकों से 9000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के आरोप हैं। ये पहला मौका नहीं है जब 63 साल के विजय माल्या ने भारत सरकार को लोन चुकाने का प्रस्ताव दिया है। भारत में लॉकडाउन की शुरुआत में भी माल्या ने ट्विट के जरिए भारत सरकार को अपना लोन चुकाने का प्रस्ताव दिया था। माल्या ने ट्वीट कर लिखा था कि ना तो बैंक पैसे लेने के लिए तैयार हैं और ना ही प्रवर्तन निदेशालय अटैच प्रॉपर्टी को रिलीज करने के लिए तैयार है।
यूके की सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या को दिया बड़ा झटका, भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ