अलगाववादियों पर शिकंजा कसने के लिए केंद्र ने कसी कमर, बनाया जा रहा ये एक्शन प्लान
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में बीजेपी के समर्थन से चल रही महबूबा मुफ्ती सरकार गिरने के बाद केंद्र सरकार अलगाववादियों पर शिकंजा कसने की तैयारी में जुट गई है। जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू होने के बाद केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है, जिसे एनआईए और ईडी मिलकर अंजाम देंगे। इस प्लान का मकसद उन अलगाववादियों पर नकेल कसना है, जो टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे कामों में शामिल हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्लान के तहत हुर्रियत के बड़े नेताओं से न सिर्फ पूछताछ होगी, बल्कि पुख्ता सबूतों के आधार पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट और विदेशी मुद्रा कानून के उल्लंघन का केस भी हुर्रियत नेताओं पर चलाया जा सकता है।
घाटी में कथित तौर पर टेरर फंडिंग के एक मामले में एनआइए ने पहले ही दिल्ली की एक अदालत में 26/11 मास्टरमाइंड हाफिज सईद और सैयद सलाहुद्दीन समेत 10 कश्मीरी अलगाववादियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। अंतिम रिपोर्ट में हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी के दामाद अल्ताफ अहमद शाह, गिलानी के निजी सहायक बशीर अहमद, आफताब अहमद शाह, नईम अहमद खान और फारूक अहमद डार आदि के नाम शामिल हैं।
चार्जशीट में नंबर एक पर मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड हाफिज सईद है। दो पर हिज्बुल मुजाहिद्दीन का चीफ सैयद सलाहुद्दीन हैं। तीसरे नंबर पर हुर्रियत कांफ्रेंस के मीडिया विंग का प्रमुख आफताब अहमद शाह है। इसी प्रकार से चौथे नंबर पर हुर्रियत प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी के दामाद अल्ताफ अहमद शाह उर्फ फंटूश का नाम शामिल किया गया है।
एनआईए के मुताबिक़ टेरर फंडिंग के लिए हवाला के जरिए खाड़ी देशों के रास्ते पैसा आता था। हवाला ऑपरेटर पैसे को अलगाववादी, आतंकी तक पहुंचाते थे, जहां से पैसे पत्थरबाजों तक पहुंचते थे। इस खेल में क्रॉस एलओसी ट्रेड में जुटे कारोबारी भी शामिल हैं।
जानकारी
के
मुताबिक,
ईडी
ने
पहले
ही
कश्मीरी
अलगाववादी
नेता
शब्बीर
शाह
और
हवाला
डीलर
मोहम्मद
असलम
वानी
के
खिलाफ
मनी
लॉन्ड्रिंग
के
मामले
में
आरोप
पत्र
दाखिल
कर
दिया
है।
वानी
को
6
अगस्त
2017
को
गिरफ्तार
किया
गया
था।
पूछताछ
में
उसने
कबूल
किया
कि
शब्बीर
शाह
को
उसी
ने
2.25
करोड़
रुपये
पहुंचाए
थे।
वहीं,
शब्बीर
शाह
को
25
जुलाई
2017
को
गिरफ्तार
किया
गया
था।
शाह
की
गिरफ्तारी
2005
के
उस
मामले
में
की
गई
है,
जिसके
बारे
में
वानी
ने
दिल्ली
पुलिस
के
स्पेशल
को
जानकारी
दी।
वानी
को
एक
बार
2005
में
भी
गिरफ्तार
किया
गया
था,
उसी
वक्त
उसने
शब्बीर
शाह
का
नाम
लिया
था।
इस समय ईडी के पास जम्मू कश्मीर से जुड़े दर्जनों ऐसे मनी लॉन्ड्रिंग के मामले हैं, जिनकी जांच वह तेजी से कर रही है। टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में मोहम्मद अकबर खांडे (मीडिया एडवाइजर, ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस, गिलानी गुट ), राजा मेहराजुद्दीन कलवाल, जहूर अहमद शाह और दो पत्थरबाज कामरान यूसुफ, जावेद अहमद भी आरोपी हैं