बिल पास होने के बाद घाटी में तनावपूर्ण हुए हालात, राज्यपाल ने लिया जायजा
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों के तौर पर पुनर्गठित करने के प्रस्ताव वाले विधेयक को राज्यसभा से मंजूरी मिल गई है। उच्च सदन ने इस विधेयक को पारित कर दिया। इस बिल के पास होने के बाद राज्य के प्रशासन को अब राज्य की सुरक्षा का डर सता रहा है। राज्यसभा में बिल पास हो जाने के बाद जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह, आर्मी कमांडर नॉर्दर्न कमांड और लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों, जीओसी 15 कोर से आज श्रीनगर के राजभवन में मुलाकात की। उन्होंने राज्यपाल को संसद में बिल पास होने के बाद सुरक्षा के बारे में जानकारी दी।
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने आज शाम राजभवन में आयोजित एक बैठक में, संसद में हुए घटनाक्रम के बाद राज्य की सुरक्षा और कानून व्यवस्था की समीक्षा की। राज्यपाल के सलाहकार और मुख्य सचिव ने बैठक में भाग लिया। वहीं राज्य में खाने पीने के सामानों की स्थिति की जानकारी देते हुए मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक को सूचित किया कि घाटी में आवश्यक वस्तुओं की कोई कमी नहीं है और 3 महीने से अधिक के लिए पर्याप्त स्टॉकिंग है।
अनुच्छेद 370 हटाने के ऐलान के बाद अब राज्य के सभी हिस्सों में कड़ी चौकसी बरती जा रही है। जम्मू संभाग में भी पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की नजर संदिग्ध और असामाजिक तत्वों पर है। जम्मू शहर समेत इस संभाग के 10 जिलों में एहतियातन धारा 144 लगा दी गई है। जम्मू की सड़कों पर बैरीकेडिंग करके वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है, लेकिन शहर को कश्मीर और देश के दूसरे हिस्सों से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात जारी है।
जम्मू में धारा 144 की वजह से नागरिकों को काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अधिकतर दुकानों और वाणिज्यिक संस्थानों के बंद होने की वजह से लोगों को रोजमर्रा का सामान खरीदने में भी मुश्किलें पेश आ रही हैं। दक्षिण कश्मीर के सर्वाधिक आतंक प्रभावित जिले अनंतनाग के पहलगाम में सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। चार दिन पहले ये सड़कें श्रद्धालुओं और पर्यटकों से आबाद थीं परंतु अब यहां सन्नाटा नजर आ रहा है। पहलगाम के होटल खाली पड़े हैं।
राज्य में बने हालात को देखते हुए रविवार को सुरक्षा बलों ने पुंछ और राजोरी में मार्च किया। इसमें आरएएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी, बीएसएफ, आईटीबीपी के साथ ही पुलिस के जवान भी शामिल रहे। पुंछ में आरएएफ के जवानों को देखकर लोगों में थोड़ी उत्सुकता का माहौल दिखाई दिया। राजोरी में हुए फ्लैग मार्च से भी लोग सकते में हैं।
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