मेघालय राजभवन के 80 कर्मचारियों ने राज्यपाल के खिलाफ प्रधानमंत्री मोदी को लिखी चिट्ठी
मूल रूप से तमिलनाडु से आने वाले 68 वर्षीय राज्यपाल शानमुगनाथन ने राज्यपाल के तौर पर 20 मई 2015 को कार्यभार ग्रहण किया था। वह आरएसएस कार्यकर्ता रहे हैं।
शिलॉन्ग। मेघालय में राजभवन के 80 से ज्यादा कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्यपाल वी. शानमुगनाथन को हटाने की मांग की है। पांच पेजों के पत्र में कर्मचारियों ने राज्यपाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कर्मचारियों ने लिखा कि राज्यपाल की वजह से राजभवन यंग लेडीज क्लब में तब्दील हो गया है। इससे राजभवन की मर्यादा को भी ठेस पहुंची है।
'राजभवन
की
मर्यादा
से
किया
गया
है
खिलवाड़'
मूल
रूप
से
तमिलनाडु
से
आने
वाले
68
वर्षीय
राज्यपाल
शानमुगनाथन
ने
राज्यपाल
के
तौर
पर
20
मई
2015
को
कार्यभार
ग्रहण
किया
था।
वह
आरएसएस
कार्यकर्ता
रहे
हैं।
बीते
साल
विवाद
के
बाद
जेपी
राजखोवा
को
हटाए
जाने
के
बाद
उन्हें
अरुणाचल
प्रदेश
का
भी
अतिरिक्त
कार्यभार
सौंपा
गया
था।
सितंबर
2015
से
अगस्त
2016
के
बीच
वह
मणिपुर
का
भी
अतिरिक्त
कार्यभार
देख
रहे
थे।
कर्मचारियों
की
ओर
से
लिखे
गए
पत्र
में
शिकायत
की
गई
है
कि
राज्यपाल
ने
राजभवन
की
मर्यादा
और
सुरक्षा
से
समझौता
किया
है।
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चुनाव
में
पहली
बार
मैदान
पर
है
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उम्मीदवार
'महिला
ने
लगाए
थे
आरोप'
कर्मचारियों
ने
पत्र
में
लिखा,
'राजभवन
में
राज्यपाल
के
कहने
पर
जवान
लड़कियां
आती
हैं
और
सीधे
उन्हीं
के
पास
जाती
हैं।
राज्यपाल
की
इस
हरकत
की
वजह
से
यहां
के
कर्मचारी
मानसिक
तौर
पर
परेशान
हो
रहे
हैं।
उन्हें
टॉर्चर
किया
जा
रहा
है।'
फिलहाल
राज्यपाल
अरुणाचल
प्रदेश
की
राजधानी
ईटानगर
में
हैं
इसलिए
उनसे
इस
मुद्दे
को
लेकर
संपर्क
नहीं
हो
सका
है।
राज्यपाल
के
सचिव
एचएम
शंगापलियांग
ने
कहा
कि
राज्यपाल
पहले
ही
सारे
आरोपों
को
खारिज
कर
चुके
हैं।
द
हाईलैंड
पोस्ट
नाम
के
एक
अखबार
ने
एक
महिला
के
हवाले
से
आरोपों
के
सच
होने
का
दावा
किया
है।
अखबार
के
मुताबिक,
महिला
ने
आरोप
लगाया
कि
जब
वह
इंटरव्यू
देने
गई
थी
तब
राज्यपाल
ने
उसे
गले
लगाया
और
चूमा
भी।
हालांकि
अखबार
ने
राज्यपाल
का
बयान
भी
छापा
जिसमें
उन्होंने
आरोपों
को
सिरे
से
खारिज
किया
है।