खुशखबरी: भारत के पर्यटन स्थल घूमने वाले यात्रियों का पूरा खर्च उठाएगी सरकार, जानें कैसे ले सकते हैं इसका लाभ
Government will bear the entire expenses of the travelers visiting 15 tourist places in a year,know the rules? केन्द्र सरकार भारत के 15 पर्यटन स्थल घूमने वाले यात्रियों का पूरा खर्च उठाएगी।2020 में पर्यटन पर्व के तहत सरकार यात्रियों को पर्यटन विभाग ये सुविधा दे रहा। जानें क्या है नियम?
बेंगलुरु। आप अगर घूमने-फिरने के शौकीन हैं, लेकिन खर्चे के कारण आप अपना शौक नहीं पूरा कर पा रहे तो अब फिक्र करने की कोई जरुरत नहीं। आपके लिए एक खुशबबरी हैं अब मोदी सरकार आपके घूमने-फिरने का सारा खर्च उठाएगी। सुनकर आपको ताज्जुब जरुर हो रहा होगा लेकिन ये सच हैं। आइए जानते हैं कि कैसे आप सरकार की इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
15 भारतीय पर्यटन स्थलों का करनी होगी यात्रा
इसके लिए आपको केवल ये करना होगा कि आप घूमने का प्लान बनाए उसके लिए ध्यान रखे कि वो सभी पर्यटन स्थल भारत के होने चाहिए। इतना ही नही आपकी घूमने-फिरने का खर्च तभी केन्द्र सरकार उठाएंगी जब आप सालभर में कम से कम देश के किन्ही 15 पर्यटन स्थलों की यात्रा पूरी किए होंगे। यानी कि एक साल में कम से कम 15 घरेलू पर्यटन स्थलों की यात्रा करनी होगी। इसके बाद ऐसे यात्रियों को पर्यटन मंत्रालय की बेवसाइट पर इन यात्राओं से जुड़ी फोटो भेजनी होगी।
साल में कम से कम 15 भारतीय पर्यटन स्थलों का भ्रमण करें
बता दें 73वें स्वाधीनता दिवस पर ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घरेलू पर्यटन क्षेत्र में सुधार की विशाल संभावनाओं का उल्लेख करते हुए आह्ववान किया था कि 2022 तक देश में कम से कम 15 पर्यटन-स्थलों का भ्रमण करें। पीएम मोदी ने कहा था कि भारत में देखने को बहुत कुछ है। यदि घरेलू पर्यटन बढ़ेगा तो विदेशी सैलानियों की संख्या भी बढ़ेगी। पीएम मोदी ने कहा कि मैं जानता हूं, लोग छुट्टी मनाने विदेश यात्रा पर जाते हैं, लेकिन क्या हम 2022 तक, जो हमारी स्वाधीनता की 75वीं वर्षगांठ का वर्ष है, अपने ही देश में कम से कम 15 पर्यटक स्थलों की यात्रा करने के बारे में सोच सकते हैं। उन्होंने कहा था कि लोगों को देश के पर्यटक स्थलों को देखने जाना चाहिए। भले ही वहां होटल नहीं हो या बुनियादी ढांचा नहीं हो। क्योंकि उनकी यात्रा से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्वत: बेहतर सुविधाएं तैयार होंगी। मोदी ने कहा कि हमारे पर्यटन क्षेत्र में सुधार के लिए काफी गुंजाइश है।
पर्यटन पर्व अभियान के तहत सरकार दे रही ये सुविधा
गौरतलब हैं कि इसी क्रम में केन्द्र सरकार ने पर्यटन मंत्रालय के माध्यम से भारतीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 'पर्यटन पर्व' अभियान चला रही हैं। इसी पर्यटन पर्व के तहत केन्द्र सरकार ये सुविधा दे रही है। इसका लाभ उठाने वाले यात्रियों के लिए कुछ शर्तें भी रखी हैं। जिसमें एक शर्त यह है कि ऐसे लोगों को अपने राज्य से बाहर पर्यटक स्थलों की यात्रा करनी होगी।
पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर डालनी होगी फोटो
पिछले दिनों ओडिशा में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने एक कार्यक्रम में यह जानकारी दी थी। यह जानकारी उन्होंने ओडिशा सरकार द्वारा कोणार्क में फिक्की के साथ मिलकर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय पर्यटन सम्मेलन के समापन समारोह में दी। उन्होंने बताया कि पटेल ने कहा कि टूरिज्म मंत्रालय ऐसे सभी यात्रियों का पूरा खर्च वहन करेगी। फोटो वेबसाइड पर डालने के बाद उनके यात्रा का खर्च का एस्टीमेट बनाकर उसका भुगतान किया जाएगा।
भारतीय पर्यटन के ब्रांड एंबेसडर के रुप में होगे पुरस्कृत
पर्यटन मंत्रालय द्वारा यह भी निर्धारित किया गया है कि एक व्यक्ति को 2022 तक भारत के कम से कम 15 पर्यटन स्थलों की यात्रा करनी चाहिए! पर्यटन मंत्रालय का इरादा उन लोगों को पुरस्कृत करने का है, जो साल के भीतर यह काम पूरा करते हैं। पटेल ने कहा, इसे एक मौद्रिक लाभ के रूप में नहीं बल्कि एक प्रोत्साहन योजना के रूप में लेना चाहिए। हमें इन लोगों को भारतीय पर्यटन के ब्रांड एंबेसडर के रूप में सम्मानित करना चाहिए। केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने कहा कि कोणार्क में सूर्य मंदिर को 'प्रतिष्ठित स्थलों' की सूची में शामिल किया जाएगा। सूर्य मंदिर को बहुत जल्द 'प्रतिष्ठित स्थलों' की सूची में शामिल करने की घोषणा के लिए एक विशेष कार्यक्रम किया जाएगा। पर्यटन गाइड के रूप में काम करने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए पर्यटन मंत्रालय प्रमाण पत्र देने समेत कई कार्यक्रम भी आयोजित कर रहा है।
मोदी सरकार में हुआ पर्यटन क्षेत्रों का कायाकल्प
बता दें मोदी सरकार के कार्यकाल में पर्यटन क्षेत्र का कायाकल्प कर दिया है। इस क्षेत्र में देश ने जिस गति से तरक्की की है उससे लगता है कि आने वाले समय में दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर भी भारत अव्वल देशों में शामिल हो जाएगा। चंद वर्षों में देसी मानदंडों पर ही नहीं विदेशी मानदंडों पर भी पर्यटन के क्षेत्र में भारत की रैंकिंग काफी अच्दी हुर्इ है। विदेशी सैलानियों ने भारत को काफी अधिक महत्व देना शुरू कर दिया है। यही वजह है कि देश में विदेशी सैलानियों के साथ ही विदेशी मुद्रा का भंडार भी भरने लगा है। ये तय है कि पर्यटन के क्षेत्र में देश जैसे-जैसे विकास करेगा, रोजगार के मौके भी बढ़ते जाएंगे और विदेशी मुद्रा भंडार में भी बढ़ोत्तरी होती जाएगी। पर्यटन में छुपी हुई अपार संभावानाओं को पीएम मोदी अच्छी तरह समझते हैं इसलिए देश में कनेक्टिविटी और स्वच्छता पर उन्होंने बहुत जोर दिया है।
वर्ल्ड रैकिंग में भारत ने मारी ये उछाल
वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम के अनुसार मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद भारत में पर्यटन के क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है। WEF की यात्रा और पर्यटन, प्रतिस्पर्धा रिपोर्ट 2017 की रैंकिंग में भारत ने 12 अंकों की लंबी छलांग लगाई है। भारतीय टूरिज्म की रैंकिंग 52वें पायदान से ऊपर चढ़कर 40वें पायदान पर पहुंच गई है। जहां साल 2013 में भारत 65वें नंबर पर था, वहीं साल 2015 में 52वें नंबर पर आ गया और महज डेढ़ साल के भीतर 12 अंकों की छलांग लगाते हुए 40वें पायदान पर जा पहुंचा है।
ई वीजा से बढ़े विदेशी पर्यटक
2016-17 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार 2015 में 80.3 लाख पर्यटक भारत घूमने आए थे, तो 2016 में उससे 10.7 प्रतिशत अधिक यानि 88.9 लाख विदेशी पर्यटक भारत की यात्रा पर पहुंचे थे। इसमें खास बात ये है कि ई-वीजा की सुविधा मिलने के बाद से भारत के प्रति विदेशी सैलानियों की रूचि और बढ़ी है और वो बड़ी संख्या में भारत का रुख कर रहे हैं। भारत आने वाले पर्यटकों को किसी तरह की असुविधा न हो इसे देखते हुए अभी 161 से अधिक देशों के नागरिकों को ये सुविधा दी जा रही है। भारत ने 2017 में पर्यटकों को वेलकम कार्ड देना भी शुरू किया था, जिनसे सैलानियों को सभी महत्वपूर्ण जानकारियों मिल जाएं और उन्हें किसी तरह की दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
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