सरकार ने जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण के लिए मलेशिया को औपचारिक अनुरोध भेजा
नई दिल्ली। भारत ने एक बार फिर इस्लामिक कट्टरपंथी उपदेशक जाकिर नाईक के प्रत्यर्पण के लिए मलेशिया से एक औपचारिक अनुरोध किया है। नाईक के मलेशिया से भारत में प्रत्यर्पण की जद्दोजहद में जुटी सरकार ने पिछले वर्ष भी मलेशिया से उसके प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध भेजा था, लेकिन उसमें सफलता नहीं मिली।
Govt has sent formal request to Malaysia for extradition of Zakir Naik, govt is pursuing it: Sources. (File pic) pic.twitter.com/QdodjgRKFW
— ANI (@ANI) May 14, 2020
हालांकि पिछली बार भारत सरकार द्वारा मलेशियाई सरकार से नाइक के प्रत्यर्पण के औपचारिक अनुरोध की राह में रोड़ा बने पूर्व मलेशिया प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद के सत्ता से बाहर होने के बाद नाइक के प्रत्यर्पण की उम्मीद बढ़ गई है। यही कारण है कि भारत सरकार ने मलेशिया से पुनः जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध भेजा है।
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गौरतलब है जाकिर नाइक भारत में धनशोधन और घृणास्पद भाषण देने के लिए वांछित है, जो पिछले लगभग दो सालों से भारतीय कानून से बचने के क्रम में मलेशिया में रह रहा है। पीस टीवी पर जाकिर नाइक उपदेशों को वर्ष 2019 में बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हमले का कारण बताया गया था।
बांग्लादेश में हुए इस आंतकी हमले में 22 लोगों की जान जाने का दावा किया गया था। इस्लामी नेता ने वर्ष 2016 में कथित तौर पर भारत छोड़कर बाद में मलेशिया चला गया था, जहां उसे स्थायी निवास प्रदान किया गया था।
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जाकिर नाइक के एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) को भी वर्ष 2016 में गैर कानूनी घोषित किया गया था। 18 करोड़ रुपए से अधिक के मनी लॉंडरिंग के आरोप को लेकर इस संस्था के खिलाफ प्रवर्तन निदेशायलय द्वारा जांच की जा रही है।
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पिछले साल औपचारिक अनुरोध और कूटनीतिक स्तर पर बातचीत के बावजूद मलेशिया के अधिकारियों ने जाकिर नाइक को वापस भारत भेजने से इनकार कर दिया था। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल कहा था कि जब तक वह कोई समस्या पैदान नहीं कर रहा है, हम उसे नहीं भेजेंगे, क्योंकि उसे मलेशिया का स्थायी निवासी का दर्जा दिया गया है।
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