सरकार का नया पैतरा, पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क की सीमा बढ़ाने के लिए कानून में किया संशोधन!
सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क तय सीमा से अधिक बढ़ाने के लिए कानून में एक संशोधन किए हैं, जिससे भविष्य में पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 8 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि करने के अधिकार जा सकेगी। सोमवार को एक प्रेस कांफ्रेस में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि वित्त विधेयक, 2020 में सीमा में वृद्धि के लिए एक संशोधन किया है ताकि सरकार पेट्रोल और डीजल पर विशेष उत्पाद शुल्क क्रमशः 18 रुपए से लेकर 12 रुपए बढ़ा सके।
गौरतलब है उक्त संशोधन वाला वित्त विधेयक 2020 बिल बिना लोकसभा में बहस पारित किया गया है। चूंकि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते संसद बंद कर दिया गया है। इसलिए सरकार इस बिल को बिना संसद में बहस के लेकर आई है। ऐसा होने से भविष्य में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में उत्पाद शुल्क पूर्व नियत सीमा से अधिक लगाई जा सकेगी।
हालांकि सरकार ने गत 14 मार्च को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 3 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी, जिससे राजस्व में सालाना 39,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त बढ़ोतरी हुई थी। इस शुल्क वृद्धि में विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क में 2 रुपए की वृद्धि और सड़क और बुनियादी ढांचे के उपकर में 1 रुपए शामिल थी।
उल्लेखनीय है कानून में संशोधन करके नए वित्त विधेयक 2020 बिल में उत्पाद शुल्क की सीमा में की यह वृद्धि विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क की जायज सीमा से अधिक है। कमोबेश यह पेट्रोल के मामले में 10 रुपए और डीजल के मामले में 4 रुपए अधिक है।
माना जा रहा है कि अब वित्त अधिनियम की आठवीं अनुसूची के संशोधन के माध्यम से पेट्रोल के मामले में यह सीमा बढ़ाकर 18 रुपए प्रति लीटर और डीजल के मामले में 12 रुपए कर दी गई है, जिससे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का फायदा भारतीय बाजारों को नहीं मिल सकेगा।
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