नागरिकता बिल: पूर्वोत्तर में विरोध प्रदर्शन जारी, त्रिपुरा में 48 घंटों के लिए इंटरनेट सेवा बंद
नई दिल्ली। लोकसभा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक पारित किए जाने का विरोध पूर्वोत्तर समेत पूरे भारत में देखने को मिल रहा है। इसी बीच त्रिपुरा सरकार ने राज्य में 48 घंटे के लिए मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं को निलंबित कर दिया है। पुलिस को पता चला था कि मनु कंचनपुर क्षेत्र में आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच जातीय संघर्ष के बारे में अफवाह फैलाई जा रही है। असम के डिब्रूगढ़, जोरहाट और गुवाहाटी, त्रिपुरा के अगरतला और मणिपुर के इम्फाल में इस बिल को लेकर विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। लोग इस बिल के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं।
लोकसभा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक पारित किए जाने के विरोध में एनईएसओ द्वारा आहुत बंद में भाग लेने वाले प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को त्रिपुरा के धलाई जिले के एक बाजार में आग लगा दी। इस बाजार में ज्यादातर दुकानों के मालिक गैर-आदिवासी हैं।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस घटना में कोई भी घायल नहीं हुआ है और मनुघाट बाजार में लगी आग बुझा दी गई है। अधिकारी ने बताया, बाजार में सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं, लेकिन इस घटना से गैर-आदिवासी लोगों के मन में भय है, जो ज्यादातर दुकानों के मालिक हैं। उन्होंने बताया कि बंद को त्रिपुरा के आदिवासी क्षेत्रों में भारी समर्थन मिला है।
त्रिपुरा सरकार ने एक पत्र में लिखा कि त्रिपुरा के डीजीपी को ऐसी खबरें मिली हैं कि राज्य के मनु और कंचनपुरम इलाके में आदिवासी और गैर-आदिवासी क्षेत्रों में संघर्ष हुए हैं। उन्होंने बताया कि ये देखा गया है कि लोग एसएमएस, वॉट्सऐप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब के जरिए फर्जी तस्वीरें और वीडियो शेयर कर रहे हैं। साथ ही लोगों में ऐसे मैसेज भेजे जा रहे हैं जिसके चलते राज्य में बड़े स्तर पर हिंसा फैलने की आशंका है। इन हालातों को देखते हुए राज्य सरकार ने मंगलवार दोपहर 2 बजे से 48 घंटों के लिए एसएसएस भेजने पर रोक लगा दी है और इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी हैं। पत्र में कहा गया कि यह रोक प्रेस संबंधी मैसेज भेजने के लिए भी जारी रहेगी।
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