सरकार ने ठुकराया भारत बायोटेक का अनुरोध, बच्चों पर नहीं होगा Covaxin का क्लिनिकल ट्रायल
नई दिल्ली। भारत बायोटेक की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन की डोज का ट्रायल बच्चों पर किए जाने से नेशनल ड्रग कंट्रोलर (औषध नियंत्रण विभाग) ने साफ इनकार कर दिया है। दरअसल, हाल ही में भारत बायोटेक ने बच्चों पर अपनी वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल शुरू करने की अनुमति मांगी थी जिसे भारत सरकार ने खारिज कर दिया। ड्रग कंट्रोलर विभाग ने इस संबंध में भारत बायोटेक से कोविड-19 वैक्सीन पर अपनी प्रभावकारी रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।
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गौरतलब है कि देश में दो वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी मिलने के बाद बड़े स्तर पर टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। अब तक एक करोड़ से भी अधिक लोगों को वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। इस बीच भारत बायोटेक ने अब कोरोना वायरस के खिलाफ अपनी वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल 18 वर्ष से कम उम्र के युवाओं पर शुरू करने की अनुमति सरकार से मांगी थी। हालांकि भारत सरकार ने फिलहाल इस अनुरोध को मानने से इनकार कर दिया है।
हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक इंटरनेशनल ने ड्रग कंट्रोलर विभाग के समक्ष बुधवार के एक अल्पीकेशन पेश की थी, जिसमें 5-18 वर्ष के बीच के बच्चों पर कोवैक्सीन के तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल को शुरू करने की अनुमति मांगी गई थी। भारत बायोटेक के इस आवेदन को पढ़कर केंद्रीय ड्रग कंट्रोलर की विशेषज्ञ समिति ने कंपनी से वैक्सीन के उस डेटा और असर की रिपोर्ट पेश करने को कहा, जो वयस्कों को दिया जा रहा है। ड्रग कंट्रोलर विभाग बच्चों पर कोवैक्सीन का ट्रायल शुरू करने की अनुमति देने से पहले यह देखना चाहती है कि वयस्कों पर वैक्सीन कितनी प्रभावी है। बता दें कि फिलहाल कोवैक्सीन वैक्सीन की डोज देश में स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंट लाइन वर्कर्स को दी जा रही है।
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