भारत ने जाकिर नाईक के प्रर्त्यपण का मलेशिया सरकार से फिर किया अनुरोध
नई दिल्ली मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक के प्रत्यर्पण के लिए भारत सरकार ने एक बार फिर से मलेशिया की सरकार से औपचारिक तौर पर अनुरोध किया है। मंत्रालय का कहना है कि भारत इस मामले को मलयेशिया के सामने आगे भी उठाता रहेगा। बता दें कि हाल ही में मलेशिया के प्रधानमंत्री ने कहा था कि, न्याय ना मिलने की स्थिति में जाकिर नाईक का प्रर्त्यपण नहीं किया जाएगा।
बुधवार को इस मामले पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'सरकार ने जाकिर नाइक के प्रर्त्यपण को लेकर मलेशिया की सरकार से औपचारिक अनुरोध किया है। हम मलयेशिया के सामने यह मुद्दा लगातार उठाते रहेंगे। वहीं दूसरी ओर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जाकिर नाईक के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराने की तैयारी कर रही है। उसे कोर्ट के उस फैसले का इंतजार है जिसमें कोर्ट जाकिर को भगोड़ा घोषित कर दे।
Ministry of External Affairs in response to queries regarding the extradition of Zakir Naik from Malaysia: Government of India has made a formal request for the extradition of Zakir Naik. We would continue to pursue the matter with Malaysia. pic.twitter.com/C7NRIRWruV
— ANI (@ANI) June 12, 2019
इससे पहले जाकिर नाईक ने मंगलवार को दावा किया था कि जांच एजेंसियां अपने राजनीतिक आकाओं के इशारे पर उसे फंसाने के लिए कुछ हासिल करने की भरसक कोशिश कर रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन का मामला उस पर दर्ज किया था। ईडी नाईक के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) जारी कराने की कोशिश कर रही है जिसके चलते उसने यह आरोप लगाया है। नाईक ने यहां एक बयान में कहा कि भारतीय एजेंसियां इतनी बैचैन क्यों हो रही हैं? अपने राजनीतिक आकाओं के निर्देश का पालन करने की बेचैनी।
उसने बयान में कहा, निश्चित रूप से यह न्याय करने की बेचैनी नहीं है क्योंकि उन्हें खुद आरोपों पर भरोसा नहीं है। लेकिन यह बेचैनी शर्मनाक है और उनका ध्यान एक चीज से दूसरी पर केंद्रित करने से यह बात दिखाई देती है। वे आतंकवाद से धनशोधन की बात करने लगे और केवल मुझे फंसाने के लिए यह किया जा रहा है।
जम्मू कश्मीर में और 6 महीने के लिए बढ़ा राष्ट्रपति शासन, कैबिनेट ने दी मंजूरी