विवाद के बाद मनीष सिसोदिया को मॉस्को जाने की मिली इजाजत, मोदी सरकार पर लगाए थे गंभीर आरोप
नई दिल्ली। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने नरेंद्र मोदी सरकार पर मंगलवार को गंभीर आरोप लगाए थे कि उन्हें एक सम्मेलन को संबोधित करने के लिए रूस की राजधानी मॉस्को जाना था, लेकिन केंद्र सरकार ने उन्हें इसके लिए अनुमति नहीं दी। विवाद के बाद अब उन्हें मॉस्को जाने की परमिशन मिल गई है। उन्होंन खुद ट्वीट कर दी जानकारी। मनीष सोसिदिया ने आरोप लगाए थे कि, पीएम मोदी नहीं चाहते हैं कि उनके अच्छे कामों को जनता और दुनिया के सामने लाया जाए। यह पहली बार नहीं है जब आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार पर उनके काम रोकने का आरोप लगाया है।
भारत सरकार ने मुझे परमिशन नहीं दी
मंगलवार को सिसोदिया ने ट्वीट किया कि दिल्ली में शिक्षा से जुड़े बदलावों को लेकर मुझे मॉस्को में वर्ल्ड एजुकेशन कॉन्फ्रेंस में बोलने को बुलाया गया था। मुझे आज रात को ही रवाना होना था, लेकिन भारत सरकार ने मुझे परमिशन नहीं दी। उन्होंने कहा था - 'आवदेन करीब दस दिन पहले किया था।'
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दिल्ली भी भारत का ही हिस्सा है
इसके बाद सिसोदिया ने एक और ट्वीट किया, इसमें उन्होंने लिखा कि, 'दिल्ली में शिक्षा क्षेत्र में हुए बदलावों की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है, लेकिन लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसा नहीं होने देना चाहते हैं। उपमुख्यमंत्री ने लिखा- 'सर(पीएम मोदी), दिल्ली भी भारत का ही हिस्सा है। अगर हमारे स्कूल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा पाते हैं तो देश का ही मान बढ़ेगा।'
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दिल्ली में 12वीं तक शिक्षा मुफ्त
दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी में शिक्षा के सुधार के लिए कई कदम उठा रही है। हाल ही में, सिसोदिया (जिनके पास खुद शिक्षा विभाग है) ने कहा था कि दिल्ली में सभी सरकारी स्कूल कक्षा 12 तक निःशुल्क होंगे। अब सरकारी स्कूलों में शिक्षा 12 वीं कक्षा तक 100% मुक्त होगी। हालांकि पहले 8 वीं कक्षा तक कोई शुल्क नहीं लिया जाता था। वहीं 9वीं कक्षा से मामूली शुल्क लिया जाता था। अब सरकार ने उसे खत्म कर दिया है। दिल्ली में कक्षा 1 से लेकर 12 तक सरकारी स्कूलों में एजुकेशन फ्री है।
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