राम मंदिर ट्रस्ट के लिए तैयारियां शुरू, शीतकालीन सत्र में सरकार ला सकती है बिल
Recommended Video
नई दिल्ली। केंद्र सरकार राम मंदिर निर्माण करने वाले ट्रस्ट का बिल संसद के शीतकालीन सत्र में पेश कर सकती है। इस बिल में ट्रस्ट की सभी शक्तियों और इसमें शामिल सदस्यों का उल्लेख होगा। कहा जा रहा है कि ट्रस्ट के पास वित्तीय शक्तियां भी होंगी। मंदिर निर्माण के पूरे खर्च की निगरानी ट्रस्ट ही करेगा।
सूत्रों के अनुसार इस ट्रस्ट में केंद्र सरकार, राज्य सरकार, राम मंदिर न्यास, निर्मोही अखाड़े के सदस्यों सहित सेवानिवृत जज भी शामिल हो सकते हैं। फिलहाल ट्रस्ट के प्रारूप पर अध्ययन किया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक सरकार द्वारा बनाए जा रहे इस ट्रस्ट में चार संगठनों को शामिल किया जाएगा। इनमें निर्मोही अखाड़ा, राम जन्मभूमि न्यास, दिगंबर अखाड़ा और विश्व हिंदू परिषद का नाम शामिल है।
मंदिर निर्माण की रूपरेखा तैयार की जाएगी
ट्रस्ट को तीन महीने के भीतर बनाया जाना है, जिसके बाद मंदिर निर्माण की रूपरेखा तैयार की जाएगी। हाल ही में विश्व हिंदू परिषद ने ट्रस्ट को लेकर कहा है कि इसमें गृहमंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शामिल किया जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसका अध्यक्ष बनाया जाए।
कानून मंत्रालय की राय ली जा रही है
बता दें अयोध्या पर आए ऐतिहासिक फैसले के बाद से ही राम मंदिर के लिए ट्रस्ट का गठन शुरू हो गया है। सूत्रों के अनुसार, ट्रस्ट बनाने की प्रक्रिया गृह मंत्रालय ने शुरू कर दी है। इसी के तहत कोर्ट के आदेश का अध्ययन करने के लिए नौरकशाहों की एक टीम भी गठित की गई है। इस तैयारी के तहत अटॉर्नी जनरल और कानून मंत्रालय की भी राय ली जा रही है।
क्या था फैसला?
नौ नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने रामलला विराजमान के पक्ष में फैसला सुनाया था। निर्मोही अखाड़े के दावे को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रामलला विराजमान और सुन्नी वक्फ बोर्ड को ही पक्षकार माना था। कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को अतार्किक करार दिया।
कोर्ट ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को कहीं और 5 एकड़ की जमीन दी जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि वह मंदिर निर्माण के लिए 3 महीने में ट्रस्ट बनाए। इसमें निर्मोही अखाड़े को भी प्रतिनिधित्व देने का आदेश दिया गया था।
महिला
कार्यकर्ता
तृप्ति
देसाई
बोलीं-
16
नवंबर
को
जाएंगी
सबरीमाला