अगर हुआ एक्सीडेंट तो 20 मिनट में पहुंचाया जाएगा अस्पताल
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) जिस देश में पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह, केन्द्रीय मंत्री राजेश पायलट, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा जैसे खास लोग सड़क हादसों मेें जान गंवा दें, वहां की सड़कों पर होने वाले हादसों के शिकार लोगों की स्थिति को समझा जा सकता है।
अगर इन और इन जैसे सड़क हादसों के शिकार लोगों को वक्त रहते डाक्टरी मदद मिल जाती तो इनकी जान बच सकती थी। बहरहाल अब सरकार इस लिहाज से गंभीर है। इस योजना पर काम कर रहे है केंद्रीय सड़क परिवहन एंव राजमार्ग मंत्रालय ने अब गुड़गांव-जयपुर योजना में एंबुलेंस के घायलों तक पहुंचने में 20 मिनट और घायलों को नजदीकी अस्पताल तक पहुंचाने के लिए भी औसतन 20 मिनट का लक्ष्य रखा है।
दुर्घटना स्थल पर एंबुलेंस
आवश्यक सुधार के जरिए एंबुलेंस के दुर्घटना स्थल तक पहुंचने में औसतन 8 मिनट और घायलों को नजदीकी अस्पताल तक पहुंचाने में औसतन 15 मिनट का समय लग रहा है। पहले से चल रहे इस प्रोजेक्ट की सफलता से प्रोत्साहित होकर अब एंबुलेंस दुर्घटना स्थल पर 15 मिनट में पहुंचाने का समय निर्धारित किया गया है।
आई आई टी,दिल्ली के सड़क सुरक्षा विभाग से जुड़े डा.महेश शर्मा ने कहा कि सरकार को सड़क हादसों के शिकार लोगों की जान बचाने के लिए नियमित रूप से काम करते रहना होगा। हादसों की आशंका तो बढ़ रही है क्योंकि सड़कों पर वाहन बढ़ते जा रहे हैं। सरकारी सूत्रों ने बताया कि इन सड़क दुर्घटनाओं में घायलों के मुफ्त इलाज की योजना को देशव्यापी रूप से लागू करने के लिए आंकड़े जुटाने के लिए शुरू किया गया है।