सरकार ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा के स्कूलों के लिए तय की फीस लिमिट, अब इससे ज्यादा नहीं बढ़ा सकते
नोएडा। अब उत्तर प्रदेश के नोएडा और ग्रेटर नोएडा के स्कूल मनमाने तरीके से फीस की वसूली नहीं कर पाएंगे। इसे लेकर जिला फीस रेगुलेटरी कमेटी (डीएफआरसी) ने सभी स्कूलों को एक पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं। स्कूलों से कहा गया है कि वह अगले शैक्षणिक सत्र में फीस 7.88 फीसदी से अधिक नहीं बढ़ा सकते हैं।
स्कूलों को निर्देश देते हुए कहा गया है कि स्कूलों को अपनी वेबसाइट और नोटिस बोर्ड पर 30 जनवरी तक संशोधित फीस की जानकारी शैक्षणिक सत्र 2020-2021 के लिए अपलोड करनी होगी। डीएफआरसी की अध्यक्षता जिला मजिस्ट्रेट बीएन सिंह कर रहे हैं। उन्होंने 1 अप्रैल से शुरू होने वाले नए शैक्षणिक सत्र के लिए सभी सीबीएसई बोर्ड के स्कूलों को एक पत्र जारी कर फीस को नियंत्रित करने के लिए कहा है।
साथ ही नियमों का हवाला देते हुए स्कूलों से कहा गया है कि वह फीस के ढांचे का खुलासा करें। स्कूलों को लिखित तौर पर डीएफआरसी को प्रस्तावित फीस बढ़ोतरी के बारे में बताना होगा। साथ ही नया शैक्षणिक वर्ष शुरू होने से कम से कम दो महीने पहले संशोधित ढांचा तैयार करके उसे नोटिस बोर्ड पर लगाना होगा। स्कूलों को ये भी निर्देश दिया गया है कि फीस में वृद्धि शिक्षकों के वेतन वृद्धि के अनुपात में हो।
ये पत्र जिले के सभी निजी और स्वतंत्र स्कूलों को भेजा गया है। इस पत्र को लेकर ऑल नोएडा स्कूल पैरेंट्स एसोसिएशन (एएनएसपीए) ने रविवार को बैठक भी की। मामले पर एएनएसपीए के अध्यक्ष यतेंद्र कसाना का कहना है, 'अब तक कुछ स्कूल अपनी फीस में 10 फीसदी तक की वृद्धि कर रहे थे। अब 7.88 फीसदी सीलिंग लगाने के साथ हमें यह जानना होगा कि क्या पिछली 10 फीसदी वृद्धि वापस ले ली जाएगी।' बता दें फीस वृद्धि को लेकर अभिभावकों और स्कूल प्रशासन के बीच लंबे समय से खींचतान रही है। डीएफआरसी कई स्कूलों पर जुर्माना भी लगा चुका है।
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