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केंद्र सरकार ने पहली बार माना, नोटबंदी के दौरान गई चार लोगों की जान

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पहली बार माना है कि नोटबंदी के दौरान चार लोगों की मौत हुई थी। 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के ऐलान के दो साल बाद सरकार ने राज्यसभा में इससे संबंधित सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अचानक लिए गए फैसले से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सरकार ने कहा कि नोटबंदी के दौरान नोट बदलने के लिए बैंकों की लाइन में लगे लोगों की मौत की जानकारी केवल एसबीआई ने मुहैया कराई है। इसमें बैंक की ओर से बताया गया कि लाइन में लगने से एक ग्राहक की और बैंक के तीन स्टाफ की मौत हुई थी।

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नोटबंदी पर सरकार ने संसद में दिया बयान

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राज्यसभा में सीपीआई (एम) के सांसद एलामारम करीम ने सरकार से पूछा था कि नोटबंदी के दौरान नोट बदलने के लिए लाइन में लगे लोगों, बैंक कर्मचारियों समेत कितने लोगों की जान गई थी। इसी सवाल का जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इस संबंध में एसबीआई को छोड़कर किसी भी सरकारी क्षेत्र के बैंक ने कोई सूचना नहीं दी है। एसबीआई की जानकारी के मुताबिक नोटबंदी के दौरान लाइन में लगने से एक ग्राहक की और बैंक के तीन कर्मचारियों को जान गंवानी पड़ी थी।

2016-17 में नोटों की प्रिंटिंग की लागत भी बढ़कर करीब 8 करोड़ पहुंची

2016-17 में नोटों की प्रिंटिंग की लागत भी बढ़कर करीब 8 करोड़ पहुंची

वित्त मंत्री ने बताया कि एसबीआई ने मृतकों के परिजनों को मुआवजे के रूप में 44 लाख रुपये दिए, इसमें 3 लाख रुपये मृत ग्राहक के परिजनों को दिया गया। उन्होंने आगे बताया कि नोटबंदी वाले साल 2016-17 में नोटों की प्रिंटिंग की लागत भी बढ़कर 7,965 करोड़ रुपये तक हो गई थी। जेटली ने बताया कि 2015-16 में नोटों की प्रिंटिंग पर 3,421 करोड़ रुपये का खर्च आया, वहीं 2016-17 में 7,965 करोड़ रुपये और 2017-18 में 4,912 करोड़ रुपये खर्च हुआ।

500, 1000 रुपये के पुराने नोट वापस लेने का कोई इरादा नहीं: सरकार

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एक और सवाल के जवाब में सरकार ने कहा कि लोगों के पास अभी भी 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट मौजूद हैं तो सरकार उन्हें वापस लेने का कोई विचार नहीं कर रही है। इसके अलावाल नोटबंदी से उद्योग और रोजगार पर क्या कोई असर पड़ा, इसका अध्ययन कराने के सवाल पर सरकार की ओर से बताया कि अभी इस संबंध में कोई विशिष्ट स्टडी नहीं कराई गई है।

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English summary
Government Finally Admits Four Persons Died During Demonetisation, Says No Study Done on its Impact.
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