Jio इंस्टीट्यूट को उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा देने पर विवाद, सरकार ने दी सफाई
नई दिल्ली: मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा 6 इंस्टीट्यूट्स को उत्कृष्ट संस्थानों का दर्जा देने को लेकर विवाद शुरू हो गया है। विपक्षी दल कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि पीएम मोदी ने अपने उद्योगपति दोस्तों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की है। जबकि पूरे मामले पर एचआरडी मंत्रालय ने सफाई देते हुए कहा है कि यूजीसी रेगुलेशन 2017, के क्लॉज 6.1 के अनुसार, इस प्रोजेक्ट में बिल्कुल नए संस्थानों को भी शामिल किया जा सकता है। मंत्रालय ने इसको लेकर अपनी सफाई देते हुए कहा है कि इंस्टीट्यूट्स को उत्कृष्ट संस्थानों का दर्जा देने के संबंध में तीन कैटेगरी हैं।
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इंस्टीट्यूट्स को उत्कृष्ट संस्थानों को दर्जा तीन कैटेगरी में दिया जा रहा है। पहली कैटेगरी में सार्वजनिक संस्थान जिनमें आईआईटी शामिल है, द्वितीय श्रेणी-प्राइवेट संस्थानों से जुड़ा है जिसमें बीआईटीएस पी लानी और मणिपाल शामिल है जबकि तीसरी कैटेगरी में ग्रीनफील्ड प्राइवेट संस्थान है जो अभी नहीं हैं, लेकिन जहां ग्लोबल मानकों की बात हो, उनका स्वागत किया जाना चाहिए। ग्रीनफील्ड श्रेणी के लिए 11 प्रस्ताव आए थे। समिति ने उनके प्रस्तावों को पढ़ने और समझने के बाद भूमि, बिल्डिंग की जरूरतों को देखते हुए केवल एक संस्था को योग्य माना।
आर सुब्रमण्यम, उच्च शिक्षा सचिव ने बताया कि चूंकि जियो इंस्टीट्यूट ग्रीनफील्ड के अंतर्गत शुरू हो रहा है, इसलिए उन्हें केवल 'लैटर ऑफ इंटेंट' मिलेगा और उन्हें 3 साल में सेट अप देना होगा। यदि वे सेटअप तैयार करते हैं, तो उन्हें 'आईओए' स्टेटस दिया जाएगा, अभी उनके पास टैग नहीं है, उनके पास केवल लैटर ऑफ इंटेंट है।
जबकि पूरे मामले पर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि आईआईटी दिल्ली और आईआईटी बंबई को सरकारी वित्त पोषण प्राप्त होगा क्योंकि सार्वजनिक क्षेत्र के जिन संस्थानों को उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा प्रदान किया गया है, उन्हें अगले 5 वर्षो के दौरान 1000 करोड़ रूपये का सरकारी अनुदान दिया जाएगा।
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