प्याज पहुंचा 80 के पार तो सरकार ने पूछा- लोग बताएं कैसे कंट्रोल करें दाम
नई दिल्ली- प्याज की कीमतों में दोबारा बेतहाशा बढ़ोतरी के बाद केंद्र सरकार फिर से सक्रिय हुई है। प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के उपाय तलाशने और उसके कारणों की समीक्षा के लिए केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने अपने अधिकारियों के साथ एक बैठक की है, जिसमें विदेशों से प्याज आयात करने और जमाखोरी के मुद्दे पर चर्चा की गई। सबसे बड़ी बात ये है कि इस बैठक के बाद पासवान ने आम लोगों और मीडिया से भी प्याज की कीमत कम करने के उपाय बताने को कहा है। बता दें कि पिछले दो-तीन दिनों में ही प्याज की कीमतों में 40 से 50 फीसदी तक इजाफा हो गया है और यह 80 से 100 रुपये किलो तक मिल रहा है।
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पासवान ने बताया क्यों बढ़े प्याज के दाम ?
केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने प्याज की कीमतों में अचानक आई उछाल के जो कारण बताए हैं, उसमें से एक ये भी कहा है कि खरीफ की बुवाई में देरी के चलते प्याज की नई फसल बाजार में पहुंचने में देरी हो रही है। पासवान के मुताबिक, "प्याज उत्पादक राज्यों, खासकर महाराष्ट्र और कर्नाटक में अधिक बारिश के कारण फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। प्याज की ढुलाई में भी परेशानी आ रही है। सरकार अपने बफर स्टॉक से लगातार प्याज की आपूर्ति कर रही है।" दरअसल, प्याज की कीमतें कुछ हफ्ते नियंत्रित रहने के बाद अचानक फिर से आसमान छूने लगी है और इसको लेकर देशभर में हाहाकार मचा हुआ है।
विदेश से प्याज आएगा तब मिलेगी राहत
सरकार ने प्याज की आपूर्ति बढ़ाने के लिए जो विभिन्न उपायों की बात कही है, उसमें से विदेशों से प्याज आयाज की बात भी शामिल है। केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि, "बाजार में प्याज की आपूर्ति बढ़ाने के लिए इजिप्ट, टर्की, ईरान और अफगानिस्तान से प्याज आयात करने की प्रक्रिया जारी है। विदेश और कृषि मंत्रालय से अनुरोध किया गया है कि इन देशों से बात कर निजी कंपनियों को प्याज के आयात की सुविधा उपलब्ध कराएं।" उन्होंने दावा किया है कि प्याज की जमाखोरी पर सरकार कड़ी नजर रख रही है और बहुत जल्द ही बाजार में नये और आयातित प्याज का पहुंचना शुरू हो जाएगा, जिससे कीमतें तेजी से गिरने लगेंगी।
लोग बताएं कैसे कम हो दाम- पासवान
सबसे बड़ी बात ये है कि सरकार ने आम लोगों से अपील की है कि वे बताएं कि प्याज कीमत को कंट्रोल करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, "मीडिया और आमलोग भी, कीमतों को कैसे कम किया जाए, इसपर अपने सुझाव सोशल मीडिया या कंज्यूमर एप्प के जरिए हमें दे सकते हैं।" उनके अनुसार प्याज की कीमतें नियंत्रित करने के लिए पहले ही कई कदम उठाए जा चुके हैं, निर्यात पूरी तरह से बंद है और 57,000 टन का बपर स्टॉक भी तैयार किया गया था। इसमें से 1,500 टन बचा हुआ है,लेकिन इसकी भी कुछ सीमाएं हैं और कुछ महीनों में प्याज खराब होने शुरू हो जाते हैं।
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