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साल 2022 में लॉन्‍च होगा गगनयान, 10,000 करोड़ की लागत से अंतरिक्ष जाएंगे तीन यात्री

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नई दिल्‍ली। केंद्र सरकार ने स्‍वदेशी तकनीक पर आधारित अंतरिक्ष प्रोग्राम गगनयान को मंजूरी दे दी है। इस प्रोग्राम के तहत साल 2022 में तीन अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर विमान रवाना होगा। इस पूरे मिशन पर करीब 10,000 करोड़ रुपए की लागत आएगी। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की ओर से शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी गई है। आपको बता दें कि अभी तक भारत की ओर से किसी भी मानव अंतरिक्ष मिशन को अंजाम नहीं दिया गया है। भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा थे जो अंतरिक्ष में गए थे।

भारत के लिए काफी अहम है गगनयान

भारत के लिए काफी अहम है गगनयान

गगनयान भारत का एक महत्‍वाकांक्षी अंतरिक्ष प्रोग्राम है और कई मायनों में भारत के लिए अहम है। सरकार की ओर से इस कार्यक्रम के लिए 10,000 करोड़ रुपए का बजट दिया गया है। अगर यह मिशन सफल हुआ तो फिर भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश बन जाएगा जिसने इंसानों को अंतरिक्ष में भेजा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की आजादी के 72वीं सालगिरह पर इस बारे में ऐलान किया था। माना जा रहा है कि इस मिशन के तहत इसरो अपने सबसे बड़े रॉकेट जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्‍च व्हीकल मार्क III यानी जीएसएलवी III की मदद से तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजेगा। इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्‍च किया जएगा।

40 माह के अंदर पहला मिशन होगा लॉन्‍च

40 माह के अंदर पहला मिशन होगा लॉन्‍च

कहा जा रहा है कि इसरो 40 माह के अंदर पहले मिशन को लॉन्‍च कर सकती है। प्‍लान अभी नमूने के तौर पर है जिसमें दो अनमैन्‍ड फ्लाइट्स और एक मैन्‍ड फ्लाइट को तीन क्रू के साथ 5-7 दिनों तक धरती की कक्षा में रखा जा रहा है। भारत ने अपने अंतरिक्ष यात्रियों को व्‍योमनॉट्स बुला सकता है। संस्‍कृत में अंतरिक्ष को व्‍योम कहा जाता है। इसरो अब तक मानवीय अंतरिक्ष उड़ान के लिए जरूरी टेक्‍नोलॉजी को डेवलप करने पर करीब 173 करोड़ रुपए खर्च कर चुका है। साल 2008 में पहली बार इस योजना का जिक्र किया गया था। लेकिन उस समय अर्थव्‍यवस्‍था की खराब हालत और लगातार फेल होते रॉकेट्स की वजह से इस प्‍लान को रोक दिया गया।

पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा

पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा

विंग कमांडर राकेश शर्मा पहले भारतीय हैं जिनके नाम पर अंतरिक्ष में जाने का रिकॉर्ड दर्ज है। इंडियन एयरफोर्स के पायलट रहे विंग कमांडर शर्मा सोयूज टी-11 के साथ अंतरिक्ष में गए थे। इस यान को दो अप्रैल 1984 को अंतरिक्ष में लॉन्‍च किया गया था। 20 सितंबर 1982 को शर्मा को इसरो और सोवियत संघ की स्‍पेस एजेंसी इंटरकॉस्‍मॉस के स्‍पेस प्रोग्राम के तहत सेलेक्‍ट किया गया था। शर्मा ने सात दिन, 21 घंटे और 40 मिनट अंतरिक्ष में बिताए थे।

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English summary
Government approves indigenous human spaceflight programme Gaganyaan in 2022. Gaganyaan programme will carry three member for minimum seven days in space.
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