ग्राहकों के लिए लोन चुकाने की छूट की अवधि में हो सकती है वृद्धि, सरकार ने दिए ये संकेत
ग्राहकों के लिए लोन चुकाने की छूट की अवधि में हो सकती है वृद्धि, सरकार ने दिए ये संकेत
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के चलते देश भर मे लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं। हजारों की संख्या में लोगों की नौकरी चली गई है वहीं व्यापारियों को भारी नुकसान सहना पड़ रहा है। ऐसे में लोगों को लोन चुकाने में मुश्किल हो रही है। ऐसे में केन्द्र सरकार ग्राहकों को लोन चुकाने में दी जाने वाली छूट की अवधि को बढ़ाने के बारे में सोच रही हैं। वित्त मंत्री ने ऐसा संकेत फिक्की के एक कार्यक्रम के दौरान दिया।
वित्त मंत्री ने कही ये बात
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बारे में कहा कि मंत्रालय भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के साथ लोन मोरेटोरियम को बढ़ाने के लिए अभी वार्ता कर रहा है। बता दें लोन मोरेटोरियम की सुविधा 31 अगस्त को खत्म हो जाएगी। 31 अगस्त के बाद भी ग्राहकों के लिए लोन चुकाने में छूट की अवधि बढ़ा कर बड़ी राहत दे सकती है लेकिन सूत्रों के अनुसार बैंक इस अवधि को बढ़ाने का विरोध कर रहे हैं।
सरकार ने 31 अगस्त तक दी थी ये छूट
बता दें कोरोना संक्रमण के लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है। इसके कारण आम आदमी की आय भी प्रभावित हुई है। आरबीआई ने मार्च में 3 महीने के लिए मोरेटोरियम (लोन के भुगतान में छूट) सुविधा दी थी। जिसे आरबीआई ने तीन महीने और भुगतान में छूट की अवधि को बढ़ाकर 31 अगस्त तक कर दिया था। जिसके तहत ये अवधि कुल मिलाकर 6 माह की हो गई जिसमें लोगों को ईएमआई का भुगतान नहीं करना पड़ा। सरकार ने ये सुविधा पर स्वैच्छिक निर्णय लेने की छूट दी थी यदि कोई ईएमआई का भुगतान करना चाहे तो वो कर सकता है। आरबीआई ने सभी कमर्शियल, रीजनल, रूरल, एनबीएफसी और स्मॉल फाइनेंस बैंकों को सभी तरह के टर्म लोन की ईएमआई वसूलने से रोक दिया गया था। अगर सरकार एक बार फिर से ये अवधि बढ़ा देती है तो ग्राहकों को बड़ी राहत मिलेगी।
जानिए बैंक क्यों कर रहे विरोध
बता दें लोन को चुकाने की अवधि को बढ़ाने के पक्ष में बैंक नहीं हैं। शुक्रवार को एसबीआई ने अपने तिमाही रिजर्ट घोषित किए और इसके बाद स्पष्ठ हो गया कि अधिस्थगन को बढ़ाने के पक्ष में नहीं है। वही sbi के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि जिन 9.5 फीसदी एकाउंट होल्डर ने Moratorium का लाभ उठाया था, उनमें से बैंक द्वारा किए गए खातों की जांच के आधार पर 5.2 फीसदी कॉर्पोरेट इकाइयां थीं, जो सितंबर से ऋण सेवा देने की स्थिति में थीं। सिर्फ एसबीआई ही नहीं, बल्कि एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने भी इस तारीख को आगे न बढा़ने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जो लोग भुगतान करने की क्षमता रखते हैं, चाहे वह इंडिविजुअल हों या कॉरपोरेट्स, वे भी इस छूट का लाभ उठा रहे हैं।
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