बंगाल के गवर्नर बोले- एनआरसी और नागरिकता कानून पर बंगाल सरकार का विज्ञापन असंवैधानिक
नई दिल्ली। संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन के बीच पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में एहतियातन इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अपील के बावजूद आगजनी और हिंसा की घटनाएं थमी नहीं है। हिंसक प्रदर्शनों की आंच से राज्य के चार जिले बुरी तरह प्रभावित हैं। इसी बीच पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने नागरिकता कानून और एनआरसी को नहीं लागू करने की बात के साथ चलाए जा रहे पश्चिम बंगाल सरकार के विज्ञापन को बंद करने की सलाह दी।
इससे पहले राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए बताया था कि पश्चिम बंगाल में एनआरसी और कैब दोनों लागू नहीं किए जाएंगे। बंगाल के अलावा केरल और पंजाब साफ इनकार कर चुके हैं जबकि मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र ने भी ऐसे संकेत दिए हैं।
हिंसक प्रदर्शनों की आंच से राज्य के चार जिले बुरी तरह प्रभावित हैं। विरोध कर रहे लोगों के निशाने पर बसें, ट्रेन, पुलिस की गाड़ियां और रेलवे स्टेशन हैं। कई जगह पुलिस से हिंसक झड़प की भी खबर है। हिंसक प्रदर्शनों की वजह से लंबी दूरी की 28 से ज्यादा ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है। राज्य के चार जिलों में तनाव के हालात हैं। मुर्शिदाबाद, हावड़ा, मालदा और उत्तर 24 परगना जिले हिंसा के केंद्र में हैं। शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने 17 बसों को आग के हवाले कर दिया। इसके साथ ही पांच ट्रेनों को भी फूंक दिया गया।
नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन में 3 की मौत, 27 घायल