गोरखपुर में जन्मीं ये स्कूल प्रिंसिपल कौन हैं, जिनकी मदद से लीबिया में रिहा हुए 7 अगवा भारतीय
नई दिल्ली- सोमवार को विदेश मंत्रालय ने ऐलान किया था कि युद्ध पीड़ित लीबिया में सितंबर महीने में अगवा हुए 7 भारतीय को रिहा करा लिया गया। ये सभी भारतीय लीबिया की एक एनर्जी कंपनी अल शोला अल मुदिया के कर्मचारी हैं। पिछले 13 सितंबर को जब ये स्वदेश वापसी के लिए लीबिया के ब्रेगा से राजधानी त्रिपोली एयरपोर्ट की ओर आ रहे थे तो रास्ते से ही उन्हें अगवा कर लिया गया था। इन भारतीयों को लीबिया के अश्शरीफ इलाके से अपहरण करके आतंकी ले गए थे और करीब एक महीने बाद इन्हें काफी मशक्कत के बाद रिहा करावाया जा सका है। अब जानकारी सामने आ रही है कि इस रिहाई में लीबिया के बेनगाजी शहर की इंडियन इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल ने बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
तबस्सुम मंसूर इंडियन इंटरनेशनल स्कूल, बेनगाजी की प्रिंसिपल हैं। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में जन्मीं मंसूर पिछले 40 वर्षों से लीबिया में रहती हैं। ट्यूनिशिया में भारत के राजदूत पुनीत रॉय कुंडल ने इन्हें स्थानीय अधिकारियों और इससे जुड़े तमाम लोगों के साथ संपर्क में रहने की जिम्मेदारी सौंपी थी। गौरतलब है कि त्रिपोली में अभी भारत के कोई राजदूत नहीं हैं, इसलिए ट्यूनिशिया में भारतीय राजदूत ही इस मिशन में सक्रिय थे। दि हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक लीबियाई प्रशासन और कबिलाई नेताओं की मदद से मंसूर ने कई दिनों तक आतंकवादियों के साथ तनावपूर्ण माहौल में बातचीत जारी रखी। उनके लिए यह मिशन आसान नहीं था। आखिरकार तबस्सुम मंसूर को कामयाबी मिली और उन्होंने सातों भारतीयों की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करवाई।
लीबिया में मुश्किलों में फंसे भारतीयों की मदद करने का मंसूर का यह पहला मामला नहीं है। 2011 में जब वहां गद्दाफी समर्थक और विरोधी ताकतों में भीषण लड़ाई चल रही थी, तब भी उन्होंने बेनगाजी में फंसे 3,000 भारतीयों को निकालने में सहायता की थी। लीबिया में आतंकियों ने अभी जिन 7 भारतीयों को अगवा किया था वो बिहार, आंध्र प्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं।
2011 में मुअम्मर अल गद्दाफी की तानाशाही खत्म होने के बाद से यह मुल्क अराजकता की दौर से गुजर रहा है। विदेश मंत्रालय ने भारतीयों की रिहाई के बारे में जारी बयान में कहा है कि 'सभी का स्वास्थ्य अच्छा है और अभी ब्रेगा स्थित कंपनी के परिसर में ही रह रहे हैं। उनकी भारत वापसी के लिए हम औपचारिकताएं पूरी करने की कोशिश कर रहे हैं।' भारतीय नागरिकों की सुरक्षित रिहाई के लिए सरकार ने लीबिया के प्रशासन और कबिलाई नेताओं के सहयोग के लिए भी उनका धन्यवाद किया है। बयान में कहा गया है, 'ट्यूनीशिया में हमारे राजदूत और हमारे स्थानीय काउंसलर स्टाफ उनके और कंपनी के साथ संकट के समय लगातार संपर्क में थे। '
लीबिया में हालात को देखते हुए 2015 के सितंबर में ही वहां की यात्रा से बचने की भारतीय नागरिकों को सलाह दी गई थी। बाद में जब हालात और बिगड़े तो मई 2016 से पूर्ण पाबंदी लगा दी गई। यह पाबंदी अभी भी जारी है।(पहली तस्वीर सौजन्य- विकिपीडिया)
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