गोरखनाथ मंदिर से है नेपाल का ये खास कनेक्शन, इसके जरिए निकल सकता है भारत-नेपाल सीमा विवाद का हल
गोरखनाथ मंदिर से है नेपाल का ये खास कनेक्शन, इसके जरिए निकल सकता है भारत-नेपाल सीमा विवाद का हल
गोरखपुर। पिछले कुछ दिनों से भारत अपने दो पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद झेल रहा हैं। एक तरफ जहां पुर्वी लद्दाख में चीनी सेना घुसपैठ कर रही हैं वहीं हमेशा से भारत का मित्र रहा नेपाल देश भारत के लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को अपना क्षेत्र बता कर नया बवाल खड़ा कर चुका हैं। जिस कारण नेपाल और भारत के बीच सीमा विवाद के चलते संबंध कटु होते जा रहे हैं। लेकिन नेपाल और उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर में स्थित गोरखनाथ मंदिर के बीच एक खास कनेक्शन हैं। ऐसे में गोरखनाथ मंदिर से भारत-नेपाल के बीच चल रहे सीमा विवाद का रास्ता निकल सकता है आइए जानते हैं गोरखनाथ मंदिर से आखिर क्या हैं नेपाल का ये खास कनेक्शन...
गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ का बयान से दबाव में आयी नेपाली सरकार
बता दें नेपाल के नागरिक गोरक्षपीठ की पूजा करते हैं। ऐसे में गोरक्षपीठाधीश्वर व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से नेपाल सरकार को चेतावनी का बड़े मायने हैं। इसका दबाव नेपाली सरकार भी महसूस कर रही है। इसी लिहाज से प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को सामने आकर बयान देना पड़ा। दरअसल,गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अपनी राजनीतिक सीमा तय करने से पहले नेपाल को तिब्बत का हश्र याद रखना चाहिए। बता दें नेपाल की संसद में बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान को लेकर खूब बहस हुई। इसके जवाब में नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा कि आदित्यनाथजी को नेपाल को धमकी देना सही नहीं है और उसके बारे में भारत सरकार को उन्हें बता देना चाहिए।
नेपाल राजपरिवार के लिए गोरखनाथ बाबा क्यों हैं इतने हैं खास
गोरखनाथ मंदिर के सचिव द्वारिका तिवारी ने मीडिया को दिए साक्षात्कार में कहा कि नेपाल से गोरक्षपीठ का संबंध सैकड़ों वर्ष पुराना है। नेपाल के राजा, रानी गोरखनाथ मंदिर आकर गुरु गोरक्षनाथ का दर्शन और पूजा करने आ चुके हैं गोरखनाथ मंदिर के मेले में अब भी पहली खिचड़ी नेपाल के राजपरिवार की चढ़ती है। ये राजपरिवार यहां खिचड़ी चढ़ाता हैं क्योंकि भगवान गोरखनाथ ने नेपाल के राज परिवार को आशीर्वाद दिया था गोरखनाथ बाबा के आर्शीवाद से नेपाल राजवंश फल-फूल रहा था। इस मंदिर से गोरखनाथ मंदिर के गहरे रिश्ते का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गुरु गोरक्षनाथ की चरण पादुका को नेपाल के राज परिवार ने अपने राजमुकुट में जगह दी है। नेपाल के सिक्के पर गुरु गोरक्षनाथ (श्रीश्री गोरखनाथ) का नाम लिखा है। गुरु गोरक्षनाथ के गुरु मत्यसेंद्र नाथ के नाम पर उत्सव मनाया जाता है। अपने शौर्य और पराक्रम से देश, दुनिया में अपना नाम रोशन करने वाली गोरखा रेजिमेंट भी गुरु गोरक्षनाथ के नाम पर गठित हुई थी। राज परिवार अब भी गुरु गोरक्षनाथ को अपना राजगुरु मानता है।
गोरखनाथ मन्दिर में हर साल खिचड़ी मेले में आते हैं नेपाली भक्त
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर में स्थित गोरखनाथ मन्दिर के वर्तमान मुख्य महन्त श्री बाबा योगी आदित्यनाथ है जो राज्य के मुख्यमंत्री भी हैं। मकर संक्रान्ति के अवसर पर यहाँ एक माह चलने वाला विशाल मेला लगता है जो 'खिचड़ी मेला' के नाम से प्रसिद्ध है। खिचड़ी मेला के दौरान पहली खिचड़ी नेपाल के राज परिवार की चढ़ती है। बड़ी संख्या में नेपाली श्रद्धालु गोरखनाथ आते हैं। खिचड़ी चढ़ाने के बाद पूजा-पाठ करके जाते हैं। ऐसे में सीमा विवाद का रास्ता निकलने की उम्मीद जताई जा रही है। गोरक्षपीठाधीश्वर की हर बात को नेपाल की जनता गंभीरता से लेती है। ऐसे में इस पवित्र मंदिर से नेपाल के लोगों की जुड़ी आस्था को आधार बनाकर चीन के उकसाने पर भारत से संबंध खराब करने वाली नेपाल सरकार को फिर से पटरी पर लाया जा सकता है।
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