दिल्ली विधानसभा में गोपाल राय ने पेश किया एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव
नई दिल्ली। दिल्ली के कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को विधानसभा में नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ एक प्रस्ताव रखा। शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया था, जहां गोपाल राय ने दिल्ली में एनपीआर की प्रक्रिया रोकने को लेकर एक प्रस्ताव पेश किया। विधानसभा में प्रस्ताव पेश करते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि एनपीआर को वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने एनपीआर को 2010 के प्रारुप के साथ ही लागू करने की मांग की।
पिछले कुछ समय से एनपीआर, एनआरसी और सीएए को लेकर देश की सियासत गरमाई हुई है। इसका बड़े पैमाने पर विरोध भी देखने को मिला है और इस मुद्दे पर संसद में भी जमकर हंगामा हुआ है। गुरुवार को एनपीआर और सीएए के मुद्दे पर देश के गृहमंत्री अमित शाह ने सभी सवालों के जवाब दिए। एनपीआर को लेकर विपक्ष के सारे सवालों के जवाब अमित शाह ने गुरुवार को राज्यसभा में दिए।
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अमित शाह ने कहा कि एनपीआर के तहत जो लोग अपने बारे में जितनी जानकारी देना चाहते हैं उतनी देने के लिए वह स्वतंत्र हैं। सीएए, एनपीआर को लेकर किसी भी तरह की शंका ना रखें। गृहमंत्री ने कहा कि दिल्ली हिंसा में जो लोग मर गए हैं उनके परिवार की नुकसान की भरपाई मैं नहीं कर सकता है, लेकिन आप इतना भरोसा रखना एक भी दंगाई छूट ना पाए, किसी भी धर्म का, किसी भी जाति का इसका हम भरोसा देते हैं।
इस दौरान कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि कोई नहीं कह रहा है कि सीएए किसी की नागरिकता छीनेगा। लेकिन कानून ये कहता है कि जब एनपीआर होगा तो उसमे 10 सवाल और पूछे जाएंगे। जो राज्य सरकार का अध्यक्ष है वह यह पूछेगा और उसके बाद वह संदिग्ध (D) लगा देगा। यह मुसलमानों के ही नहीं, गरीबों के खिलाफ है। इसपर अमित शाह ने कहा कि एनपीआर के तहत कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। अगर जानकारी नहीं देना चाहते हैं तो आप स्वतंत्र हैं। किसी को भी एनपीआर की प्रक्रिया से डरने की जरूरत नहीं है।