Google ने चीन समर्थित यूट्यूब चैनलों को किया बंद
बेंगलुर। हॉन्ग कॉन्ग में लोकतंत्र के समर्थन में लाखों प्रदर्शनकारियों की आवाज को दबाने के लिए चीन सारे हथकंडे अपना रहा है। वह तानाशाही से बाज नहीं आ रहा । प्रदर्शनकारियों की आवाज दबाने के लिए चीन एक ओर जहां अपनी सेना समेत अन्य बल तो प्रयोग कर रहा है साथ ही वह सोशल मीडिया के प्लेटफार्म का गलत प्रयोग कर रहा था। इसी के चलते गूगल ने चीन समर्थित 210 यूट्यूब चैनलों को बंद कर दिया है। इन चैनलों में चीन द्वारा यह दिखाने का प्रयास किया जा रहा था कि में हॉन्ग कॉन्ग प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों के बीच आपस में कलह है।
सूत्रों के अनुसार गूगल ने चीन समर्थित 210 यूट्यूब चैनलों को बंद कर दिया है। इन चैनलों में चीन द्वारा यह दिखाने का प्रयास किया जा रहा था कि हांगकांग में प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों के बीच आपस में कलह है। टेक की दिग्गज कंपनी को यह पता चला कि ये यूट्यूब खाते हांगकांग में चल रहे विरोध से संबंधित वीडियो अपलोड करते समय समन्वित तरीके से व्यवहार करते हैं।
इस हफ्ते की शुरुआत में हांगकांग में लोकतंत्र समर्थत विरोध प्रदर्शनों में तेजी देखने को मिल। ट्विटर और फेसबुक ने ऐसे कई खातों को निलंबित कर दिया, जो चीनी सरकार के प्रभाव अभियान का हिस्सा थे और प्रदर्शनों पर निशाना साधने का प्रयास कर रहे थे।
गूगल सिक्योरिटी में थ्रेट एनालिसिस ग्रुप के शेन हंटले ने गुरुवार को एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, 'यह खोज फेसबुक और ट्विटर द्वारा घोषित चीन से संबंधित हालिया टिप्पणियों और कार्यो के मद्देनजर की गई थी। गूगल को पता चला कि इसके लिए वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएनएस) और दूसरे तरीकों से इन खातों की उत्पत्ति को छिपाने की कोशिशें की जा रही हैं।
कंपनी ने कहा, 'प्रत्येक माह, थ्रेट एनालिसिस ग्रुप हमारे यूजर्स को उनके खातों में घुसपैठ करने के लिए सरकार समर्थित हमलावरों या अन्य अवैध अभिनेताओं के प्रयासों के बारे में चार हजार से अधिक चेतावनी भेजता है।
हांगकांग में चीन के खिलाफत की वजह
बता दें पिछले कुछ समय से हांगकांग में चीन के खिलाफ जनता का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। 18 अगस्त को यहां पर जारी प्रदर्शन और ज्यादा उग्र हो गया और सैंकड़ों प्रदर्शनकारी संसद की मुख्य बिल्डिंग में दाखिल हो गए। रात में जैसे ही प्रदर्शनकारी संसद की बिल्डिंग में पहुंचे तो पुलिस को इस भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैंस तक का प्रयोग का प्रयोग किया। जुलाई 1997 को ब्रिटिश प्रशासन ने हांगकांग को चीन को सौंप दिया था। 2 अगस्त को इसकी 22वीं सालगिरह थी और इस मौके पर बड़े पैमाने पर प्रदशर्नकारी इकट्ठा हो गए। आधी रात में संसद की बिल्डिंग में दाखिल हुए प्रदर्शनकारियों ने यहां लगी सांसदों की पेंटिंग्स को फाड़ दिया और साथ ही दीवारों पर लोकतंत्र का समर्थन करने वाले कई स्लोगन तक लिख डाले। प्रदर्शनकारियों पर लगातार आंसू गैस फायर की गयी। इतना ही नहीं चीन सरकार ने इसको दबाने के लिए बल का भी इस्तेमाल किया।